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औरंगाबाद: रविवार एवं साल में दस दिन की विशेष निर्धारित छुट्टी को छोड़कर सभी दिन खुलेंगे हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: जिला मुख्यालय के समाहरणालय स्थित योजना भवन सभागार में आज सिविल सर्जन औरंगाबाद की अध्यक्षता में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर कार्यक्रम की समीक्षा हेतु राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शाही एवं मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक शैलेश कुमार की उपस्थिति में एक बैठक आहूत की गई. उक्त आशय की सूचना देते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो अनवर आलम द्वारा बताया गया कि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कार्यक्रम के तहत सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्वास्थ्य केंद्रों को चरणबद्ध तरीके से हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है. क्रियान्वयन के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार पटना द्वारा विशेष कार्य बल के रूप में सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की पदस्थापना की गई है. वर्तमान समय में जिले के अंतर्गत कुल बहत्तर सीएचओ की पदस्थापना है.

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हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ के कार्यों की समीक्षा के लिए जिला स्तर पर आज अलग से एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में राज्य स्वास्थ्य समिति क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के पदाधिकारियों के साथ साथ जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन, अरवल जिला के सीडीओ डॉ अरविंद कुमार, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट उपेंद्र कुमार चौबे, जिले सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी स्वास्थ्य प्रबंधक, स्वास्थ्य उप केंद्रों पर पदस्थापित सभी सीएचओ, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अविनाश कुमार, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, डेवलपमेंट पार्टनर जपाईगो की प्रोग्राम ऑफिसर रुपाली रैना, पिरामल हेल्थकेयर के धनंजय कुमार एवं अन्यान्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित हुए

समीक्षा के क्रम में यह स्पष्ट हुआ कि अधिकांश हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सरकार द्वारा निर्धारित समय अनुसार नहीं खुल रहे हैं तथा उक्त संस्थानों के अंतर्गत कार्यरत सीएचओ, एएनएम एवं आशा के बीच समन्वय की ही कमी है. समन्वय की कमी रहने के कारण लगातार कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं तथा निर्देशानुसार सभी स्वास्थ्य सुविधायें आमजन को नहीं मिल रही है. इस सन्दर्भ में निर्देश दिया गया कि संस्थान पूर्वाहन नौ बजे से अपराहन पांच बजे तक नियमित खोला जाय. अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य उप केंद्रों में टेलीमेडिसिन की सेवा प्रतिदिन उपलब्ध कराया जाय. ओपीडी, डायग्नोस्टिक टेस्ट, प्रसव पूर्व जांच, हाई रिस्क प्रेगनेंट वूमेन की पहचान, परिवार नियोजन, संचारी एवं गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग प्रभावी तरीके से कराई जाए.

राज्य कार्यक्रम प्रभारी पदाधिकारी द्वारा स्पष्ट रुप से सभी सीएचओ को निर्देश दिया गया कि कर्तव्य निर्वहन के क्रम में अनुशासन का पालन किया जाए अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अपरिहार्य स्थिति में यदि सीएचओ संस्थान में उपलब्ध नहीं रह पाते हैं तो वैसे स्थिति में संस्थानों की एएनएम संस्थान में टेलीमेडिसिन सहित अन्य कार्य करेंगे. साल में विशेष दस दिन की अवकाश एवं रविवार को छोड़कर किसी भी दिन संस्थान बंद पाए जाने पर संबंधित संस्थानों के कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि चूंकि एक बड़ी आबादी गांवों में रहती है जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं हो पा रही है ऐसी स्थिति में टेलीमेडिसिन एक विशेष पहल है जिसके द्वारा आमजन सीधे डॉक्टर से जुड़ सकते हैं.

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