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औरंगाबाद: GST अधिकारियों ने बिना निबंधन संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों पर की छापेमारी, मचा हड़कंप

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार में आज देखा जाय तो कुकुरमुते की तरह हर गली चौराहे पर कोचिंग संस्थान खुले हुए हैं। लेकिन इनमें गुणवत्ता की काफी कमी हो। वहीं कई कोचिंग संस्थान ऐसे हैं जो राज्य सरकार के पास रजिस्टर्ड ही नहीं हैं । बाकायदा इस कारण से सरकार को भी राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है। जबकि माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत निबंधन होना चाहिए।

इसी संदर्भ में गुरुवार को राज्य के सभी जिलों के कोचिंग संस्थानों में छापेमारी की गई। वहीं औरंगाबाद जिले में भी राज्य कर संयुक्त आयुक्त अंचल प्रभारी सुनील कुमार के नेतृत्व में जीएसटी अधिकारियों द्वारा शहर के विराट कोचिंग संस्थान में छापा मारा गया। इस कारवाई के बाद जिले के कोचिंग संस्थानों में हड़कंप मच गया। कई कोचिंग संस्थान भनक मिलते ही बंद कर फरार हो गये।

जबकि इस छापेमारी के दौरान विराट कोचिंग संस्थान में उपलब्ध पंजी एवं पुछताछ के आधार पर ज्ञात हुआ कि लगभग 950 छात्र पंजीकृत हैं। जहां साक्ष्यों के आधार पर यह साफ प्रतीत होता है कि इस कोचिंग संस्थान को जीएसटी का निबंधन ले लेना चाहिए था लेकिन अब तक उक्त कोचिंग संस्थान द्वारा बिना जीएसटी निबंधन का चलाया जा रहा हैं।

गौरतलब हो कि किसी भी कोचिंग संस्थान का सालाना टर्न ओवर 20 लाख से अधिक हो उसके लिए जीएसटी में निबंधन लेना अनिवार्य है। ऐसे कोचिंग संस्थान को सेवा कर के तहत 18 प्रतिशत जीएसटी देना अनिवार्य है। बिहार के सभी जिलों में कई कोचिंग संस्थान धड़ल्ले से बिना सेवा कर दिये चल रहें है। ऐसे कोचिंग संस्थानों पर बिहार सरकार की कड़ी नजर है।

बता दें कि औरंगाबाद जिले के लगभग 35 कोचिंग संस्थान ऐसे है जिनका सालाना टर्न ओवर 20 लाख से अधिक है। ये सभी कोचिंग सथान बिना जीएसटी निबंधन के धड़ल्ले से चल रहे है। ये सभी कोचिंग संस्थान सरकार की राडार पर है। इस कार्रवाई के बावजूद यदि कुछ दिनों में इन सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा निबंधन नहीं कराए जाने पर विभाग सख्त है जिन पर कभी भी कार्रवाई की जा सकती है। इस दौरान अंचल प्रभारी सुनील कुमार के साथ राज्य कर सहायक आयुक्त, सुशील कुमार सुमन, मनोज कुमार पाल, सुजीत कुमार एवं बबीता कुमारी उपस्थित थे

यह भी बता दें कि कई कोचिंग संस्थान ऐसे हैं जिनके यहाँ छात्रों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है। फिर भी वे पैसे के लिए छात्रों को भर रहे हैं। इसके साथ-साथ फीस का उचित निर्धारण भी नहीं है। जिस कोचिंग संस्थान की जितनी मर्जी उतनी फ़ीस छात्र-छात्राओं से वसूलते हैं।

वहीं दिनांक- 17 नवंबर 2022 को जिला पदाधिकारी, श्री सौरभ जोरवाल के निर्देशानुसार जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा पंचायत स्तरीय योजनाओं का स्थल निरीक्षण किया गया।

मदनपुर सीओ

इस दौरान इन पदाधिकारियों द्वारा पंचायत अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों एवं स्कूल का निरीक्षण, ग्रामीण जलापूर्ति, अस्पताल, जन वितरण प्रणाली की दुकाने, अल्पसंख्यक छात्रावास, ग्रामीण सड़क की स्थिति, पंचायत सरकार भवन, स्ट्रीट लाइट योजना इत्यादि का स्थल निरीक्षण किया गया।

 

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