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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: 24 नवंबर 2022 को “आरोहण” विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान (Specialized Adoption Agency) औरंगाबाद में आवासित देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद लगभग 3 माह के बालक जिसे गोह थाना द्वारा 05 अगस्त 2022 को प्राप्त कर बाल कल्याण समिति, औरंगाबाद के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, कानूनी रूप से दत्तकग्रहण के पूर्व पालन-पोषण देखभाल हेतु उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला निवासी माता-पिता को जिला पदाधिकारी, औरंगाबाद द्वारा सुपूर्द किया गया।
इस अवसर पर जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा उक्त माता-पिता को बालक का पालन-पोषण एवं देखभाल उचित रीति से करने हेतु अनुरोध किया गया एवं बालक के विकास संबंधी जानकारी से संबंधित संस्थान को समय-समय पर अवगत कराते रहने को कहा गया। उक्त बालक को दत्तकग्रहण में संबंधित माता-पिता को दिये जाने संबंधी अंतिम निर्णय जिला पदाधिकारी द्वारा अग्रेत्तर कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत दो मास के पहले जारी किया जायेगा।
विदित हो कि जिला अन्तर्गत प्राप्त 0-6 वर्ष के देखरेख एवं संरक्षण के जरुरतमंद (अनाथ, निराश्रित एवं परित्यक्त) बच्चों को बाल कल्याण समिति, औरंगाबाद के आदेशानुसार विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान में आवासन कराया जाता है। वैसे बच्चे जिनके माता / पिता / अभिभावक / रिश्तेदार की खोज नहीं की जा सकती उनको दत्तकग्रहण विनियम, 2022 के प्रावधानानुसार उपयुक्त दम्पति को कानूनी रूप से गोद दिया जाता है, अवैध रुप से गोद लेना एवं देना दंडनीय अपराध है। अनाथ निराश्रित एवं परित्यक्त बच्चों को गोद देने हेतु जिले में विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान फैसिलिटेशन सेन्टर के रुप में कार्य करती है। गोद लेने वाले कोई भी इच्छुक दम्पति अपना ऑनलाईन निबंधन Central Adoption Resource Authority के बेवसाईट पर करा सकते हैं। गोद लेने देने की सारी प्रक्रिया ऑनलाईन है। उक्त मौके पर जिला पदाधिकारी द्वारा संस्थान में मौजूद कर्मियों को आवासित बच्चों का उपयुक्त तरीके से देख-भाल करने हेतु निदेशित किया गया।
जिला पदाधिकारी द्वारा सभी आम जनों से अपील किया जाता है कि बच्चे को असुरक्षित तरीके से नहीं फेकें बल्कि उसे ‘आरोहण’ विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान के बाहर लगे झूले में, किसी अस्पताल में अथवा पुलिस थाना में ही रखें। सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी के साथ-साथ निजी अस्पताल संचालक एवं कर्मचारियों की वैधानिक जिम्मेदारी है कि ऐसे बच्चों के प्राप्त होते ही इसकी सूचना बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई को दें अथवा समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। जानकारी छुपाने अथवा अवैध तरीके से बच्चे को किसी को गोद देने अथवा बेचने आदि की सूचना प्राप्त होने पर उस व्यक्ति के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी ।