BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार का औरंगाबाद जिला हमेशा से भाकपा माओवादी नक्सलियों के लिए जाना जाता रहा है। खासकर जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र से अक्सर नक्सलियों से जुड़ी खबर सामने आते रहती है। एक बार फिर मदनपुर थाना क्षेत्र चर्चा में है। दरअसल जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत लंगुराही पचरुखिया के जंगल में भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए सर्च आपरेशन के दौरान गुरुवार को 15 किलो आरडीएक्स, एक एसएलआर और 303 बोल्ट मैगजीन लगी एक राइफल, 29 कारतूस और प्रेशर आइईडी, तीन केवी का एक जेनरेटर, एक इलेक्ट्रिक जेनरेटर, 20 किलो यूरिया, पांच किलो सल्फर, रसोई गैस सिलेंडर, हेक्सा ब्लेड, हथौड़ा, 1000 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, ड्रिल मशीन, स्टील कंटेनर, वेङ्क्षल्डग राड, स्प्रिट समेत अन्य सामान बरामद किया गया है।
इस बारे में एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि बिहार पुलिस व सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के संयुक्त नक्सल मुक्ति अभियान के दौरान लंगुराही पचरुखिया जंगल स्थित करीबा डोभा, सहिया, बंदी, मोरवा, विदाई नगर पहाड़ी पर कार्रवाई की गई। लंगुराही पचरुखिया के जंगल में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों पर हमले की तैयारी की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया गया।
इस दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार व कारतूस बरामदगी की गई। आरडीएक्स, हथियार समेत अन्य विस्फोटक सामग्री की बरामदगी सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है। हथियार, कारतूस को छोड़कर बरामद सभी सामान को जंगल में ही विनष्ट कर दिया गया है। मामले में बड़ेम थाने के एएसआइ राजेश कुमार के बयान पर 11 नक्सलियों के खिलाफ मदनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। बरामद हथियार पुलिस से लूटी गई बतायी जा रही है। हथियार पर अंकित नंबर से इसकी जांच कराई जाएगी। इस दौरान कोबरा बटालियन के कमांडेंट कैलाश, एएसपी (अभियान) मुकेश कुमार आदि मौजूद थे।
आपको बता दें कि इन दिनों जिले के एसपी कांतेश मिश्र द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन में पुलिस को काफी सफलता मिल रही है। लगातार नक्सलियों के ठिकानो से हथियार व विस्फोटक पदार्थ सुरक्षा बलों द्वारा जब्त किया जा रहा है। सर्च ऑपरेशन की कारवाई से नक्सलियों के सामने खुद के लिए सुरक्षित ठिकाना ढूंढना भी मुश्किल हो गया है।