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बिहार में निकाय चुनाव स्थगित होते ही विंध्याचल और रजरप्पा के टूर पर निकल गये कैंडिडेटस, ढूंढ रहे हैं उम्मीदवारों के इन्वेस्टर्स
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में नगर निकायों के चुनाव पर पटना हाईकोर्ट के द्वारा रोक लगाते ही पुरा परिदृश्य बदल गया है। जो उम्मीदवार कल तक चुनाव प्रचार के हाईटेक व्यवस्था से जुटे थे। वे अब सभी बाजार निकलना भी बंद कर दिये हैं। कल तक उम्मीदवारों की जो प्रचार गाड़ियां सड़क नाप रही थी वह अब सड़क पर नजर नहीं आ रही है। इसके साथ ही उम्मीदवार भी अब बहुत कम नजर आ रहे हैं। उनका जनसंपर्क अभियान बंद हो गया है। चुनावी अभियान के लिए उम्मीदवारों की तरफ से जो दफ्तर खोले गए थे उनमें भी ताला लटका नजर आ रहा है। वे अब टूर पर निकल गये हैं ताकि उनके इन्वेस्टर्स की नजर उनपे नहीं पड़े।
नगर निगम चुनाव स्थगित होने के बाद उम्मीवारों की स्थिति उस दु्ल्हे की तरह हो गई है जो बगैर दुल्हन के वापस अपने घर लौट आए हैं। निकाय चुनाव स्थगित होने के बाद जहां उम्मीवारों भारी निराशा हुआ है वहीं उनसे ज्यादा बुरा हाल उनका है जो जो मेयर और डिप्टी मेयर के पीछे चुनावी खर्च कर नगर निकाय कि सरकार में अपना दबदबा बनाना चाहता थे। बिहार में उम्मीदवारों के पीछे मनी बैकअप देने वाले इन इन्वेस्टर्स को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। उनपर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उम्मीदवारों के पीछे पैसा इन्वेस्ट करने वाले इस उम्मीद में थे कि शहर की सरकार में उनका अपना व्यक्ति हो जाएगा।
पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव स्थगित कर दिया है। इसके बाद जब भविष्य में चुनाव होगा तो वह किस स्वरूप में होगा यह अभी कह पाना मुश्किल है। ऐसे में मनी बैकअप देने वाले इन्वेस्टर्स को कुछ समझ नहीं आ रहा है। इधर वह उम्मीदवार जो इन्वेस्टर्स के बूते चुनावी मैदान में थे अब पल्ला झाड़ कर हॉलीडे पर निकल गए हैं।
ये उम्मीदवार नेपाल, विंध्याचल से लेकर झारखंड के रजरप्पा पहुंच गए हैं। इसके साथ ही इन्होंने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर दिया है। उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि फिलहाल चुनाव दूर-दूर तक होने की उम्मीद नहीं है। साथ ही अबतक के चुनाव प्रचार में हुए थकान को उतारने का भी यही सबसे बेस्ट तरीका है।
आपको बता दें कि बिहार का नगर निकाय का चुनाव दो चरणों में इसी महीने की 10 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को होना था। लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा की सीट पर आरक्षण के मुद्दे को लेकर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। अब इसी के बाद उम्मीदवार इधर-उधर टूर पर भाग रहे हैं ताकि इन्वेस्टर्स नहीं ढूंढ सकें।