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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: अब जल्द ही रेलवे के यात्रियों को हवा से पानी स्टेशनों पर मिलेगा। इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर रेलवे ने तकनीक लगाने की तैयारी कर रही है। मध्य रेलवे के मुंबई डिवीजन के छह रेलवे स्टेशनों पर इससे यात्रियों को पानी मिलेगा । इस तकनीक को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता प्रदान की है। दरअसल मेघदूत एक वायुमंडलीय जल जनरेटर (एडब्ल्यूजी) उपकरण है जो जल वाष्प को ताजे और स्वच्छ पेयजल में बदलने के लिए नवीन तकनीक का उपयोग करता है।
यह स्विच आन करने के कुछ घंटों के भीतर पानी बनाना शुरू कर देता है और एक दिन में 1000 लीटर पानी तैयार करता है। यह तकनीक 18 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान और 25 से सौ प्रतिशत आर्द्रता तक की स्थिति में कामयाब है। इसे पीने योग्य पानी के लिए तत्काल समाधान के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक अधिकारी ने कहा कि मैत्री एक्वाटेक प्राइवेट लिमिटेड को 17 एडब्ल्यूजी कियोस्क स्थापित करने के लिए पांच साल के लिए अनुबंधित किया गया है। कंपनी ने पहले पानी के उत्पादन के लिए सीएसआइआर और भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद के साथ सहयोग किया है। रेलवे को छह स्टेशन परिसरों में कियोस्क के लिए 25.5 लाख रुपये सालाना लाइसेंस शुल्क का भुगतान मिलेगा। मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और दादर में पांच-पांच, ठाणे में चार, कुर्ला, घाटकोपर और विक्रोली में एक-एक वाटर कियोस्क लगेगा।
वहीं रेल यात्री पांच रुपये में 300 मिलीलीटर, आठ रुपये में 500 मिलीलीटर और 12 रुपये में एक लीटर पानी मिलेगा। जबकि बोतल सहित यात्रियों को 300 मिलीलीटर के लिए सात रुपये, 500 मिलीलीटर के लिए 12 रुपये और एक लीटर के लिए 15 रुपये देना होगा।