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ज्योतिषियों के मुताबिक ये है हरतालिका तीज के व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधी, महिलाएं पति के दीर्घायु के लिये करती हैं तीज
.जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: 9 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत है। इसकी भारतीय ग्रंथों में पूराना उल्लेख मिलता है। इस शुभ दिन को हिंदू धर्म की महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिये भगवान् शिव की पूजा करती हैं।
हरितालिका तीज के दिन विधि विधान से शिवजी और पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत की पूजा प्रदोषकाल में किया जाता है।
अपने पूजा स्थान पर चौकी रखें, उस पर माता पार्वती, शिव जी और गणेश जी को स्थापित करें। फूल और श्रृंगार का समान चढ़ाकर पार्वती जी को वस्त्र भी दान करें। इस दिन कथा सुनने का बहुत महत्व होता है। पूजा करने के बाद महिलाओं के साथ बैठकर कथा सुनें।
हरितालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है। पूरे दिन निर्जला रहने के बाद अगले दिन जल ग्रहण किया जाता है। अगर एक बार आप इस व्रत को करना शुरू कर देते हैं तो इसे दोबारा छोड़ा नहीं जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं तथा कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं।
पूजा के दौरान मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, आदि। इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम चावल का सतू और दीपक आदि का प्रयोग किया जाता है।
वहीं हरतालिका तीज पटना के ज्योतिष के अनुसार शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 8 सितंबर रात 2 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा जो 09 सितंबर को रात 12 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। ऐसे में 9 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखना लाभकारी होगा।
सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त है।
अगर आप शाम को पूजा करना चाहती हैं तो 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। आप इस मुहूर्त में पूजा करें। शुभ फ़ल की प्राप्ति होगी ।