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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में जल्द ही बड़ी संख्या में रसोइयों की भर्ती की जाएगी। ये सभी बहाली राज्य के स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए की जाएगी। अभी स्कूलों में रसोइया की काफी कमी है। मिली जानकारी के मुताबिक बिहार मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय द्वारा 40 हजार रसोइया की बहाली की जाएगी। बता दें कि यह संख्या फिलहाल अनुमान के आधार पर लगाई गई है। इस मामले में सभी जिलों से मध्याह्न भोजन योजना पदाधिकारी से रिक्तियां मांगी गई है। चयन प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
आपको बता दें कि मध्याह्न भोजन के लिए वर्ष 2016 के बाद से स्कूलों में रसोइया को नहीं रखा गया है। फिलहाल राज्य के 30 से 35 फीसदी स्कूलों में नियमानुसार रसोइया नहीं है। इससे दिक्कत होती है।
रिक्तियों के अनुसार होगी बहाली रसोइया के पद पर गांव या फिर पंचायत की महिला को ही बहाल करना है। यह जिम्मेवारी विद्यालय शिक्षा समिति की होती है। रिक्तियां आने के बाद सभी जिला शिक्षा कार्यालय के आदेश पर विद्यालय शिक्षा समिति बहाली करेगी।
बता दें कि वर्तमान में राज्य में दो लाख दो हजार रसोइया कार्यरत है। प्रत्येक रसोइया को 1650 रुपए महीना मानदेय मिलता है। रसोईया रखने का ये प्रावधान है:
नामांकित बच्चे: रसोइया की संख्या
एक से 25 01
26 से 100 02
101 से 200 03
201 से 300 04
301 से 400 05
401 से 500 06
आपको बता दें कि अगर कार्यरत किसी रसोईया की मौत हो जाती है तो उसे मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय के अनुसार राज्य सरकार चार लाख रुपये देती है। ऐसा केवल बिहार में है। किसी अन्य राज्य में नहीं। अबतक 3076 रसोइया को यह राशि मिल चुकी है। इतना ही नहीं अगर किसी स्कूल में कुल नामांकन पांच सौ से अधिक है तो वहाँ एक अतिरिक्त रसोइया सह सहायक को लगाया जाएगा।