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एक पंचायत ऐसा भी जहाँ का स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार है,“जाप”नेता विजय कुमार ने कहा-न नर्स आते हैं,न डॉक्टर
बिहार सरकार वैसे तो लाख दावे करती है कि उसने स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधार कर गांवों की रख दी है लेकिन धरातल पर मंजर कुछ और ही है.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार सरकार वैसे तो लाख दावे करती है कि उसने स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधार कर गांवों की रख दी है लेकिन धरातल पर मंजर कुछ और ही है. औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड के दक्षिणी उमगा पंचायत में स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिती भी यही है. इस मामले पर वहाँ के स्थानीय निवासी और जन अधिकार युवा परिषद के जिला अध्यक्ष विजय कुमार उर्फ गोलू यादव ने कहा कि सरकार द्वारा हर गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा तो जरूर किया जा रहा है परंतु यह छलावा साबित हो रहा है.
“जाप” पार्टी के नेता विजय कुमार उर्फ़ गोलू यादव ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि मदनपुर प्रखंड के दक्षिणी उमगा पंचायत स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदहाल है. यहां अस्पताल में चिकित्सक एवं नर्स के आने एवं जाने का समय निर्धारित नहीं है. न जांच की सुविधा है और न सभी प्रकार की आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं.
“जाप” नेता ने कहा कि इस कोरोना संक्रमण के दौर में भी चिकित्सक एवं नर्स हाजिरी बनाकर चले जाते हैं. कोई नर्स व चिकित्सक नहीं रहने के कारण यहां मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने विभाग के अधिकारियों से मांग की कि वे इसका संज्ञान लें. अधिकारी चिकित्सा एवं नर्स को बैठाएं ,जाँच से लेकर दवाई तक कि सुविधा दें, जंगल से सूखी लकड़ी एव पटल बेचर ग्रामीण निजी अस्पताल में ईलाज नही करा सकते हैं. वे किसी तरह से दो वक्त की भोजन जुटा पाते हैं.
दरअसल मामला यह है कि मदनपुर प्रखंड के अतिनक्सल प्रभावित जंगलतटीय इलाके के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. इलाज के लिए ग्रामीण तड़प रहे हैं परंतु उनका कोई सुनने वाला नहीं है. इलाके में दूर-दूर तक अस्पताल नहीं है. एक-दो अस्पताल है भी तो वहां न तो चिकित्सक आते हैं और न ही नर्स. ग्रामीण जिला एवं प्रखंड मुख्यालय से दूर जाना नहीं चाहते हैं. स्थिति यह है कि इधर झोलाछाप चिकित्सक से ग्रामीण इलाज करवाते हैं जिससे बेहतर इलाज न मिलने के कारण कई मरीजों की जान भी चली गई है.