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क्या गाँवों में भी त्राहि-त्राहि मचा देगी कोरोना, पढ़ें ये विशेष रिपोर्ट

देश इस समय भयावह कोरोना महामारी के संक्रमण से जूझ रहा है। ऐसे में लोगों की चिंता बढना स्वभाविक है।  इस कोरोना महामारी में बहुत से लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया है तो अबतक लाखों लोगों कि मौत भी हो चुकी है। 

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जे.पी.चंद्रा की विशेष रिपोर्ट

बिहार नेशन : देश इस समय भयावह कोरोना महामारी के संक्रमण से जूझ रहा है। ऐसे में लोगों की चिंता बढना स्वभाविक है।  इस कोरोना महामारी में बहुत से लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया है तो अबतक लाखों लोगों कि मौत भी हो चुकी है।  जबकि करोड़ों लोग अभी भी संक्रमण से जुझ रहे हैं ।

परंतु जैसी देश की चिकित्सा व्यवस्था है वह किसी से छुपी नहीं है। उसमें भी अगर बिहार कि स्वास्थ्य व्यवस्था को देखें तो आपका रूह काँप जाएगा ।आपने इस बार संक्रमण के दौर में देखा होगा कि लोग कैसे मेडिकल सुविधाओं के अभाव में तड़प-तड़पकर मर रहे थें । न अस्पतालों में आईसीयू की व्यवस्था थी , न ऑक्सीजन मिल रही थी, न डॉक्टर, न मेडिकल स्टॉफ और न बेड। और हाँ यहाँ तक कि अस्पतालों के बाहर बोर्ड टंग चुका था कि यहाँ सभी बेड फूल हैं मतलब नो इंट्री का बेड । लेकिन जब इस कोरोना संक्रमण में शहरों की स्थिति यह है तो इससे गाँवों में स्थिति कैसे संभलेगा।

क्योंकि अब धीरे-धीरे कोरोना का कहर गावों मे भी पैर पसारने लगा है। बिहार के मधुबनी जिला से कुछ ऐसी ही खबर है जहाँ जिला के सेलीबेली गाँव में पिछ्ले एक महीने में 6 लोगों की मौत हो चुकी है और सभी मृतकों में एक समान्य लक्षण रहा सर्दी, बुखार और खाँसी । इन सभी घटनाओं ने गाँव के लोगों को अभी से ही डरा दिया है। यह अकेला हाल मधुबनी का केवल नहीं है बल्कि बिहार के तमाम गावों की तस्वीर भी यही है।

सोचिए! अगर कोरोना संक्रमण ने पूरी तरह से गाँवों में फ़ैल गया तो फिर वह कितना भयावह समय होगा । आप खुद इस बात की कल्पना कर सकते हैं । क्योंकि गांवो में ना तो एक भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है और ना ही एक भी चिकित्सक,सब भगवान भरोसे है।

वहीं गाँव के लोगों से बात करने पर यह पता चलता है कि एक भी स्वास्थ्य केंद्र ना होने के कारण लोगों को शुरुआत में खुद के संक्रमित होने का पता नही चलता और फिर स्वास्थ्य वयवस्था के अभाव में लोगों की मृत्यु हो रही है,लोग डरे हुए हैं भयभीत हैं। ग्रामीणों  का कहना है कि वे लोग कोरोना से कम और व्यवस्था के अभाव में अधिक मर रहे हैं ।

अगर सरकार को इस कोरोना संक्रमण के ग्रामीण क्षेत्रों में फैलने से बचाना है तो लोगों को स्वास्थ्य संबंधित सुविधाएं मुहैया कराने होंगे । गाँवों में प्राथमिक स्वास्थ्य
केंद्र खोलने होंगे । उसमें डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ की व्यवस्था करनी होगी ताकि लोगों को इससे संबंधित समुचित जानकारी मिल सके और वो अपना ससमय इलाज करा सकें ।

 

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