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नीतीश सरकार EVM से करा सकती है पंचायत चुनाव, कर रही है विचार
नीतीश सरकार बिहार में ईवीएम के जरिये 2021 का पंचायत चुनाव कराने पर विचार कर रही है। बिहार में अगले साल मार्च के बाद पंचायत चुनाव होने हैं
BIHAR NATION : नीतीश सरकार बिहार में ईवीएम के जरिये 2021 का पंचायत चुनाव कराने पर विचार कर रही है। बिहार में अगले साल मार्च के बाद पंचायत चुनाव होने हैं। हाल ही में एसईसी ने भी पंचायती राज विभाग को ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में तर्क दिया गया कि ईवीएम से चुनाव में अधिक पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा मतगणना विसंगतियों और इसमें धांधली की भी जांच हो सकेगी।
यदि ईवीएम के माध्यम से पंचायत चुनाव आयोजित होता है तो त्रिस्तरीय ग्रामीण स्थानीय निकायों में 2.58 लाख पदों को भरने के लिए यही पहला इलेक्ट्रॉनिक मतदान प्रयोग होगा। प्रदेश में ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने की अनुमानित लागत 392 करोड़ रुपये होगी, जो 2016 के पंचायत चुनावों में किए गए खर्च की तुलना में 142 करोड़ रुपये अधिक होगी। जानकारी के मुताबिक 2016 के पंचायत चुनावों में राज्य सरकार ने 250 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
इस मुद्दे पर एक अधिकारी ने बताया कि केरल, राजधान और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में EVM का इस्तेमाल पंचायत चुनाव कराने के लिए किया गया है। पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पुष्टि करते हुए बताया कि- हमें एसईसी से प्रस्ताव मिला है और इस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेजा जाएगा।
मालूम हो कि बिहार में अब तक पंचायत चुनाव बैलट पेपर के माध्यम से ही आयोजित किए गए हैं। राज्य में पंचायत चुनाव पार्टी लाइनों पर नहीं होते हैं, हालांकि मुखिया और जिला परिषद सदस्य जैसे पदों के लिए बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन मिलता है।
बता दें कि बिहार में त्रि-स्तरीय ग्रामीण स्थानीय निकायों में छह पदों के लिए चुनाव होते हैं। इसमें वार्ड सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, पंच और सरपंच आदि प्रमुख हैं।मतदाताओं को वोटिंग के दौरान मतपत्रों के छह सेट मिलते हैं। अब अगर ईवीएम का उपयोग किया जाएगा तो वोटर्स को छह पदों को लेकर मतदान के लिए ईवीएम पर छह बटन दबाने होंगे।
वहीं प्रदेश में कुल 8,387 ग्राम पंचायतें, 534 पंचायत समितियाँ और 38 जिला परिषद हैं। राज्य में पंचायती राज संस्थाओं (PRI) में कुल 2.58 लाख पद हैं और ग्राम पंचायतों में कम से कम 1.15 लाख वार्ड सदस्य हैं। उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया मार्च के बाद से शुरू होगी।
एक अधिकारी ने बताया कि 2016 के पंचायत चुनावों को अप्रैल-मई में दस चरणों में आयोजित किया गया था, जो जून के मध्य तक जारी रहा। इस बार पंचायत चुनावों में 1.19 लाख तक मतदान केंद्र हैं इसकी कुल संख्या भी बढ़ने की संभावना है। इस बार प्रत्येक बूथ पर 700 तक वोटरों की संख्या हो सकती है।
आपको बता दें कि हाल ही बिहार विधानसभा के चुनाव सम्पन्न हुए हैं जिसपर विपक्ष ने ईवीएम के जरिये छेड़छाड़ से चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। हो सकता है पंचायत चुनाव में भी इसका विपक्ष विरोध कर सकती है।