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महाबोधि वृक्ष की स्वास्थ्य परीक्षण के लिये देहरादून से पहुंची वैज्ञानिक टीम

जिस महाबोधि वृक्ष के नीचे बोधगया में भगवान् बुद्ध ने तपस्या की थी और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी उसके स्वास्थ्य परीक्षण के लिये देहरादून से फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के 2 वैज्ञानिकों की टीम बोधगया पहुंची

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BIHAR NATION : जिस महाबोधि वृक्ष के नीचे बोधगया में भगवान् बुद्ध ने तपस्या की थी और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी उसके स्वास्थ्य परीक्षण के लिये देहरादून से फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के 2 वैज्ञानिकों की टीम बोधगया पहुंची। इस टीम में शामिल डॉ अमित पांडेय और संतन बर्थवाल ने महाबोधि बृक्ष के निरीक्षण के दौरान कहा कि वृक्ष पूरी तरह स्वस्थ है साथ हीं वृक्ष की स्वास्थ्य की आवश्यकता के अनुसार टीम ने दवा का छिड़काव भी किया । इस दौरान महाबोधि वृक्ष की जड़ ,पत्ता से लेकर एक एक टहनियों का बारीकी से निरीक्षण किया गया।

देहरादून एफआरआई के वैज्ञानिक डॉ अमित पांडेय ने बताया कि महाबोधि बृक्ष के निरीक्षण के बाद जरूरत के अनुसार आवश्यक दवाएं दी जा रही है। खुली छालों पर दवाइयां लगाई गई है और भारी टहनियों पर स्पोर्ट भी दिया जाएगा जिससे पेड़ पर भार न पड़े। साथ हीं वृक्ष की सभी शाखाओं पर रसायनिक दवाओं का छिड़काव किया गया है।इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम के साथ बोधगया मंदिर प्रबंधक समिति के सचिव नंजे दोरजे,केयर टेकर डॉ भंते दीनानाथ मौजूद रहे।

आपको बता दें कि यहाँ 2500 साल पूर्व भगवान् बुद्ध ने तपस्या की थी और यहीं उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस कारण से यह वृक्ष आने वाले विदेशी पर्यटक व बौद्ध श्रद्धालुयों के लिए महाबोधि बृक्ष का दर्शन काफी महत्वपूर्ण है। यह भी बता दें कि वर्ष 2007 से महाबोधि बृक्ष की स्वास्थ्य व उपचार करने की जिम्मेवारी देहरादून के फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट को दिया गया है तब से हर साल वैज्ञानिकों की टीम आकर स्वास्थ्य जाँच करती है और जरूरत के अनुसार दवाओं का छिड़काव व उपचार करती है।

 

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