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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में फर्जी शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच किये जा रहे हैं । जिसमें कई फर्जी प्रमाणपत्र के मामले उजागर हो रहे हैं । ऐसा ही मामला जांच के क्रम में नवादा जिला से आया है। जहाँ प्रमाणपत्र जांच के क्रम में एक माह के अंदर सर्टिफिकेट जांच में कुल 23 शिक्षक और शिक्षिकाओं के प्रमाण-पत्र जाली पाए गए हैं। इनमें पांच शिक्षकों को पहले और 18 शिक्षकों के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं।
इस कड़ी में झारखंड के अधिविध परिषद रांची के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल 18 शिक्षक और शिक्षिकाओं को सेवा मुक्त करने का आदेश डीईओ ने डीपीओ स्थापना को दिया है। इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट को विभाग की ओर से जांच के लिए अधिविध परिषद रांची भेजा गया था। परिषद की ओर से जांच में कुल 18 शिक्षक और शिक्षिकाओं के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं।
इस संबंध में डीईओ ने बताया कि राजकीय बुनियादी विद्यालय, बगोदर की तत्कालीन HM सुधा कुमारी को प्रमाण-पत्र जांच के लिए डीईओ कार्यालय की ओर से अधिकृत किया गया था। इसमें रजिस्ट्री के माध्यम से कुल 21 शिक्षक और शिक्षिकाओं के संयुक्त सचिव झारखंड अधिविध परिषद रांची के सत्यापित रिपोर्ट मिले हैं, जिसमें 18 शिक्षक और शिक्षिकाओं का प्रमाण-पत्र फर्जी पाया गया है।
डीईओ ने कहा है कि इससे पहले भी झारखंड अधिविद परिषद रांची से जांच के दौरान पांच शिक्षकों के फर्जी प्रमाण-पत्र पाए गए थे। डीईओ ने डीपीओ स्थापना को संबंधित शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्त करते हुए संबंधित थाने में फर्जी शिक्षक और शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।इस संबंध में डीईओ ने कार्रवाई से संबंधित जानकारी 20 अक्टूबर तक मांगी है। इन शिक्षकों के वेतन भुगतान होने पर डीपीओ स्थापना की जवाबदेही होगी।
आपको बता दें कि जिन शिक्षक और शिक्षिकाओं के प्रमाण-पत्र फर्जी गए हैं, उनमें श्वेता कुमारी, रविकांत कुमार, प्रीतम कुमारी, राकेश कुमार पंडित, सोनी कुमारी, रुनी कुमारी ,राजू पासवान, कुसुम कुमारी ,पूनम कुमारी, मंजू कुमारी, विनय कुमार, चंचल कुमारी, प्रीति कुमारी, संदीप कुमार, रागिनी कुमारी, रविकांत कुमार और रिंपी कुमारी के नाम शामिल हैं।