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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक फ़ुल फॉर्म में हैं । वे लगातार स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए एक से बढ़कर एक नये फरमान जारी कर रहे हैं । उनके नये फरमान का आलम यह है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति तो बढ़ी ही है। मास्टर साहेब भी समय से पहले ही स्कूल पहुंच जा रहे हैं । लेकिन अभी भी व्यवस्था पूरी तरह नहीं सुधरी है। वहीं अब उन्होंने कहा कि अगर सूबे के सरकारी स्कूलों में बच्चे नहीं आये तो अब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी यानि BEO के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
दरअसल केके पाठक के निर्देश पर बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। जांच में शिक्षा विभाग को ये पता चला है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के स्तर पर भी लापरवाही बरती जा रही है। लिहाजा, उन पर भी कमान कस दिया गया है। शिक्षा विभाग ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर सभी जिलों को पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में हर हाल में सरकारी स्कूलों में कम से कम 50 परसेंट बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि 15 अगस्त के बाद अगर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 50 परसेंट नहीं हुई तो संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग के मुताबिक जांच में ये बात सामने आई है कि पदाधिकारियों की लापरवाही से ही सरकारी स्कूलों में सुधार की मुहिम को सफलता नहीं मिल रही है।
शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन स्कूलों में 50 फ़ीसदी बच्चे नहीं पाए जाएंगे वहां शिक्षक पर कार्रवाई तो होगी हीं, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों का वेतन भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा। पहले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से शो कॉज पूछा जाएगा। अगर उनका जवाब सही नहीं पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इसमें उनके खिलाफ आरोपपत्र का भी गठन किया जा सकता है।