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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों भूचाल मचा है। बीते दिनों काफी बड़ा उलटफेर देखने को मिला। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जो नहीं सोचा था वह हो गया। दरअसल महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा और भतीजा के आपसी विद्रोह ने इस कदर उलटफेर किया जिसकी कल्पना भी शरदपवार ने नहीं की रही होगी। चाचा शरद पवार को भतीजे अजीत पवार गच्चा दे गए और महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बैठ गए।
अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार के साथ बिल्कुल वैसा ही खेल खेला, जैसा कुछ माह पहले महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के साथ खेला था। महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक आया यह तूफान अब बिहार तक पहुंच गया है।
अब ऐसा दावा किया जा रहा है कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार में भी जल्द बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। बिहार में पलटूबाज नेता का तमगा हासिल कर चुके नीतीश कुमार वैसे अपने फायदे के लिए कब क्या कर जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। महाराष्ट्र के बाद अब बिहार की राजनीति पर पूरे देश की निगाहें टिक गई हैं। यहां बिहार सरकार को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।
कुछ लोग कह रहे हैं कि नीतीश कुमार जल्द ही चुनाव से पहले फिर भाजपा की गोद में बैठ सकते हैं तो कुछ लोग उनकी पार्टी जेडीयू के भी दो फाड़ होने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में बिहार की राजनीति में उठने वाला भूचाल कहां जाकर शांत होगा, ये कह पाना बड़ा मुश्किल हो गया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार पाला बदलने से अपनी विश्वसनीयता सिर्फ राजनीतिक दलों में ही नहीं, बल्कि आम जनता में भी खो चुके हैं। उनकी पार्टी जेडीयू के ही कई नेता नीतीश कुमार से नाराज हैं और विभिन्न मुद्दों पर अपना अलग मत रखते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार अब ज्यादा दिन तक बिहार की सरकार नहीं संभाल पाएंगे, क्योंकि उनकी पार्टी के दो फाड़ होने की आशंका बढ़ गई है।
जबकि कुछ सूत्र कह रहे हैं कि नीतीश कुमार आने वाले तूफान को पहचानने में माहिर खिलाड़ी हैं। ऐसे में वह तूफान के आने से पहले बीजेपी में पाला बदल सकते हैं। अभी कुछ दिन पहले ही बिहार में जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने यह दावा करके इस आशंका को और भी बढ़ा दिया है कि नीतीश कुमार अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी ज्यादा दिन तक सुरक्षित नहीं रख पाएंगे।
हालांकि बीजेपी द्वारा माहौल ऐसा बनाया जा रहा है कि जेडीयू अब बस टूटने वाली है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले चार दिनों से लगातार अपनी पार्टी के विधायकों और सांसदों से बारी-बारी से मिल रहे हैं। आगे वे जेडीयू के पदाधिकारियों से भी मिलने वाले हैं। बस मुलाकातों के इस सिलसिले के बहाने ही बीजेपी ने बिहार में सरकार बदलने की खबर फैला दी है। हालांकि बिहार में इसकी संभावना बहुत कम ही है।