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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: राजधानी पटना में सीएम नीतीश कुमार की पहल पर बुलाई गई विपक्षी दलों की समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार को हुई यह बैठक करीब चार घंटे तक चली। इस बैठक के संबंध में जो जानकारी निकलकर सामने आई है उसके अनुसार, नीतीश कुमार को विपक्षीय एकता का संयोजक बनाया जा सकता है।
इस बैठक के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह एक अच्छी बैठक रही, जिसमें मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही एक और बैठक होगी। काफी अच्छी मुलाकात हुई, एक साथ चलने पर सहमति हुई। जिसमें आगे की चीजें तय की जाएंगी, खड़गे जी यह बैठक आयोजित करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों की अगली बैठक शिमला में जुलाई में होने की संभावना है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगली बैठक कुछ दिन के बाद सब पार्टियों की फिर से की जाएगी। जो शासन में है वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं। वे सब इतिहास बदल रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना में कहा कि हम 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं जिसमें हम एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे। हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और RSS हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रही है। यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं।
हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे। यह विपक्षी एकता की प्रक्रिया है जो आगे बढ़ेगी। राहुल गांधी ने कहा कि यह विचारधारा की लड़ाई है, हम एक साथ खड़े हैं, हमारे बीच थोड़ा-बहुत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमें मिलकर काम करना है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम एक हैं, हम मिलकर लड़ेंगे। बिहार जन आंदोलनों की भूमि रही है और एक बार फिर इस राज्य से इतिहास बनाने की शुरुआत हुई है। विपक्षी दलों की बैठक के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारी कोशिश यह करेगी कि हम गांधी के मुल्क को ‘गोडसे का मुल्क’ नहीं बनने देंगे। अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘तानाशाही’ सरकार फिर से चुनकर आ जाएगी, तो देश में अगला चुनाव नहीं होगा, ऐसा कुछ लोग कहते हैं।
विपक्षी दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले लालू यादव और शरद पवार पहुंचे। उनके साथ सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं। इसके बाद महबूबा मुफ्ती और बाकी अन्य नेता मंच पर पहुंचे। हालांकि, इस दौरान अरविंद केजरीवाल और एमके स्टालिन मौजूद नहीं थे। वे अपने गृह राज्य रवाना हो गए थे।
बता दें कि इस बैठक में राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, महबूबा मुफ्ती, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खरगे, उद्धव ठाकरे, सुप्रिया सुले, अखिलेश यादव, अजीत पवार, भगवंत मान, राघव चड्ढा, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन आदि करीब 15 दलों के नेता मौजूद थे।