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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में लंबे समय शिक्षकों के बहाली को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा लगातार सरकार पर दवाब बनाया जा रहा है। लेकिन सरकार द्वारा केवल बार-बार नई नियमावली और जल्द बहाली की बात की जा रही है। धरातल पर यह उत्तर नहीं पा रहा है। यहाँ तक कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का आश्वासन भी गलत साबित हो रहा है। लेकिन बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए सोमवार का दिन अहम होनेवाला है। दरअसल सीएम नीतीश कुमार ने बजट सत्र के दौरान ही कैबिनेट की बैठक का फैसला लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार कल शाम 6 बजे से कैबिनेट की बैठक आयोजित होगी। सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आ रही है, उसके अनुसार कल ही शिक्षक बहाली की नई नियमावली पर मुहर लगने की संभावना है। यानि पिछले 4 वर्षों से बहाली का इंतजार कर रहे राज्य भर के सीटीईटी (CTET), बीटीईटी (BTET) और एसटीईटी (STET) अभ्यर्थियों को होली से पहले खुशखबरी मिलने की संभावना है।
आपको बता दें, इससे पहले भी बैठक आयोजित होती रही है लेकिन अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर हर बार पानी फिरता रहा है। लेकिन, इस बार इसलिए उम्मीद है क्योंकि कुल 5 विभागों की सहमति के बाद नई नियमावली पर मुहर लगनी है जिसमें वित्त विभाग ने अब तक सहमति नहीं दी थी जबकि शिक्षा, नगर विकास, विधि, पंचायती राजविभाग ने सहमति दे दी थी। अब खबर है कि वित्त विभाग ने भी सहमति दे दी है और प्रस्ताव कैबिनेट भी भेजी जा चुकी है।
ऐसे में फिलहाल कहीं बाधाएं नहीं दिख रही है और पूरी संभावना है कि कल ही नियमावली पर मुहर लग जाए। बता दें, नई नियमावली के तहत अब बदलाव के साथ ऑनलाइन और सेंट्रलाइज तरीके से बहाली होनी है। जिसको लेकर मुहर लगते ही सातवें फेज का सरकार विज्ञापन जारी करेगी। कुल 3 लाख पदों पर बहाली होनी है जिसमें लगभग 1 लाख 20 हजार माध्यमिक और लगभग 80 हजार प्रारंभिक और बाकि पदों पर बहाली होगी।
अब अभ्यर्थी पूरी तरह से इंतजार में हैं कि शायद कल सरकार होली से पहले इन्हें खुशखबरी दे क्योंकि छठे फेज की बहाली को पूर्ण करने में काफी वक्त लग गया। ऐसे में अब पहले एसटीईटी पास को मौका दिया जायेगा उसके बाद फेज वाइज प्रारंभिक की बहाली होगी।
गौरतलब हो कि इसके पहले नई नियमावली को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। और इसे लेकर अभ्यर्थियों में घोर निराशा है। यहाँ तक इसे लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भी ट्वीट किया था। लेकिन उनकी बात भी सही नहीं हुई और पिछले कैबिनेट में इसपर मुहर नहीं लग सका।