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औरंगाबाद: केंद्रीय गौ- ज्ञान फाउंडेशन एवं डॉ संत प्रसाद की सूचना पर पुलिस ने किया अवैध पशु मांस से भरा वाहन जब्त

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बिहार नेशन: औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रविवार की रात्रि 8 बजे धर्म प्रसार विभाग प्रमुख डॉक्टर संत प्रसाद एवं केंद्रीय गौ- ज्ञान फाउंडेशन के सदस्यों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर अवैध रूप से पशु मांस ले जा रहे एक कंटेनर ट्रक को पकड़ा। इसके बाद इसे पकड़कर थाने को सूचना दी। जिसके बाद मदनपुर थाने की पुलिस ने इसे जब्त कर लिया। जब्त कंटेनर ट्रक का नंबर WB 25 F 4218 है। इस बारें में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाने में आवेदन फाउंडेशन के सचिव आर. लता के नाम से डॉ संत प्रसाद द्वारा दिया गया है।

इस घटना के बारें में धर्म प्रसार प्रमुख विभाग डॉक्टर संत प्रसाद ने बताया कि उन्हें केंद्रीय गौ- ज्ञान फाउंडेशन जो पीपुल्स फॉर एनिमल्स पशुओं / गोवंशों के रक्षा के लिए एवं उनके कल्याण के लिए कार्य करती है सदस्यों द्वारा सूचना मिली की अवैध रूप से पशु मांस को ट्रक में भरकर रफीगंज से कलकत्ता ले जाया जा रहा है। उन सभी के साथ-साथ मैंने और नवीन पाठक ने भी इस वाहन का पीछा किया । जिसके बाद इस अवैध पशु मांस से लदे ट्रक को घटराइन-रानी कुआं के आगे पहरचापी मोड़ के पास पकड़कर थाने को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस पहुंची और इसे जब्त किया। बाद में इसे प्रशासन द्वारा नष्ट करवाया गया ।

डॉक्टर संत प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सख्त कानून व्यवस्था के कारण अब इसकी तस्करी मुश्किल हो गई है। इसलिए अब पशु मांस के तस्कर बिहार से इसका कारोबार करने में जुटे हुए है। जबकि इसको रोकने के लिए कई प्रावधान किये गये हैं । उन्होंने कहा कि इस जब्त पशु मांस के लिए लाइसेंस इनलोगों के पास नहीं है। इनके पास मछली का लाइसेंस है। लेकिन ये पवित्र गौ माता के मांस का अवैध व्यापार कर रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि, मुझे यह भी ज्ञात हुआ है कि रफीगंज में शिवगंज पशु मेले से अवैध ढंग से गोवंश गायों, बैलों, सांढों एवं बछड़ों को खरीद कर एंव सड़क पर से बछडों व साढों को चोरी कर उन्हें अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल स्थित अवैध कत्लखाने एवं मांस प्रोसेसिंग यूनिट में भेजकर कुछ लोग अंतरराष्ट्रीय गोतस्करी करवाते हैं।

डॉक्टर संत प्रसाद ने बताया की गौवंश हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माने जाते हैं एंव उनकी पूजा होती है।  कत्ल खाना खतरनाक उद्योग में आता है तथा इसके लिए स्थानीय स्तर पर अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना आवश्यक है तथा कत्लखाने के अपशिष्ट केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार लाल कैटेगरी में अर्थात उच्च प्रदुषण कारक अपशिष्ट माने जाते हैं जो कि स्थानीय वातावरण एवं लोक स्वस्थ्य को विपरीत तरीके से प्रभावित कर रहा हैं। फिर भी तस्कर इसकी अवैध तस्करी कर रहे हैं। डॉ संत ने बताया कि ये लोग क़ानून एवं स्थानीय लोगों से बचने के लिए निरीह जानवरों के मांस का कारोबार मछली के चारे के रूप में फर्जी कागजात बनाकर कर रहे हैं।

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