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मानवता शर्मसार! औरंगाबाद में विवाहिता की गला दबाकर हत्या, मृतका के परिजनों की बात सुनकर दहल जाएगा दिल

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: औरंगाबाद जिले से दिल को दहला देनेवाली खबर सामने आ रही है। जहाँ दहेज़ लोभियो ने दहेज की खातिर एक विवाहिता की गला दबाकर हत्या कर दी। यह घटना रफीगंज प्रखण्ड के खड़वा गांव की है। मृतका नाम छोटी देवी थी जो करीब 23 वर्ष की बताई जा रही है। जबकि मृतका का मायका नबीनगर प्रखण्ड के बेलाई पंचायत अंतर्गत इटवा गांव में है। वहीं मृतका के पति का नाम मुन्ना कुमार उर्फ पंकज है। इस घटना के बाद परिजनों में चीख-पुकार से कोहराम मचा है।

पोस्टमार्टम के लिए मंगलवार की सुबह सदर अस्पताल औरंगाबाद में आए मृतका के मायके वालों ने बताया कि 05 दिसम्बर 2020 को अपनी बेटी का शादी हिन्दू रीति रिवाज अनुसार धूम धाम से किया था। उस समय हमलोगों से जितना बना उतना उपहार स्वरूप दिया था और एक बुलेट भी भेंट किया था। लेकिन शादी के छह महीने बाद ही ससुराल वाले पुनः फिर से दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। ससुराल वालों के द्वारा मायके वालों से दहेज की मांग की जाने लगी। कुछ देने को हमलोग तैयार थे। लेकिन उन लोगों का कहना था कि हमे ब्रांडेड समान चाहिए नही तो नहीं लूंगा।

इन्ही बात को लेकर ससुराल वाले कई बार मारपीट किया। एक बार मारपीट कर घर से भगा दिया जिसके बाद समझौता हुआ। लेकिन फिर उनलोगों के द्वारा मारपीट की जाने लगी और सोमवार की शाम बंद कमरे में गला दबाकर मार डाला। इसके बाद गांव के लोगो के द्वारा सूचना मिली को पुलिस के सहयोग से घर पहुंचा। जहां पुलिस लड़का मुन्ना उर्फ पंकज व उसके पिता गिरिजेश सिंह में गिरफ्तार कर थाना लाया और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कागजी प्रक्रिया पूरी शव पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेज दिया गया।

हालांकि रफीगंज थाना की पुलिस ने इस मामले में पिता और पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के बाद मृतका के परिजनों को सौंप दिया गया गया है। थानाध्यक्ष ने कहा कि खड़वा गांव में हत्या की सभी बिंदुओं को लेकर जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी।

लेकिन इस घटना ने मानवता को झकझोर कर रख दिया है। अगर परिजनों के द्वारा लगाएं गये आरोप सही हैं तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई होनी चाहिए । यह कितनी दरिंदगी है कि एक तरफ हम समाज में आज लड़कियों को पुरूषों के बराबर बराबरी देने के बात करते हैं, लंबी-लंबी भाषण देते हैं वहीं जब किसी लड़की पर जुर्म होता है तो सारा समाज चुप रहता है। और यह चुपी समाज की तबतक रहती है जबतक की लड़की के साथ अनहोनी नहीं हो जाती है। तो प्रश्न ये उठता है कि क्या बेटी होना गुनाह है ? अगर गुनाह है तो फिर बेटी नहीं रहेगी तो बेटा कहां से लाएंगे। फिर इस सृष्टि का क्या होगा ?  बहुत सारे प्रश्न हैं जो आज समाज को सोचने की जरूरत है और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है।

खैर, यह तो कोर्ट तय करेगा की इस बर्बर मौत के लिए कौन जिम्मेवार है और इसकी सजा कितनी होगी।लेकिन इस तरह के मामले में दहेज लोभियो के खिलाफ जल्द से जल्द कारवाई होनी चाहिए ताकि समाज में फिर से इस तरह के घटना की पुनरावृति न हो सके।

 

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