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Big News: बिहार में 77 हजार 57 नियोजित शिक्षकों के बर्खास्तगी की हो रही है तैयारी, कर ली गई है पहचान
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में अक्सर शिक्षकों के फर्जी सर्टिफिकेट पर नियोजन की खबरें सामने आती रहती हैं। इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर है। अब सरकारी स्कूलों में फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल हुए शिक्षकों की खैर नहीं है। ऐसे नियोजित 77 हजार 57 शिक्षकों के सर पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। खबर के अनुसार उनकी पहचान कर ली गई है।अब उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी और फिर नौकरी से बर्खास्तगी की जाएगी।
शिक्षक कई बार प्रमाण पत्र मांगे जाने पर भी उसे उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। जांच के लिए निगरानी विभाग को 77 हजार 57 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर नहीं मिले है। न्यायालय के आदेश के आलोक में शिक्षा विभाग ने प्रमाण पत्र के फोल्डर नहीं देने वाली नियोजन इकाइयों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे रखा है।
पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर विजिलेंस ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी है। शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के अनुसार विजिलेंस ब्यूरो ने शिक्षकों के विरुद्ध आगे की कार्रवाई हेतु अनुमति मांगी है। विभाग ने मेधा सूची के आधार पर शिक्षकों के अंक पत्र की जांच करने का आदेश दिया है। विभाग ने संबंधित नियोजन इकाइयों के सचिवों पर भी विभागीय कार्रवाई करने का फैसला लिया है। इसके बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। न्यायालय के आदेश के आलोक में इस बात की भी जांच की जाएगी कि त्याग पत्र देने वाले फर्जी सर्टिफिकेटधारी शिक्षक किसी अन्य नियोजन इकाई के माध्यम से दूसरे विद्यालय में कार्य तो नहीं कर रहे हैं।
विजिलेंस ब्यूरो द्वारा 3 लाख 52 हजार 927 नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के सर्टिफिकेट की निगरानी जांच की जा रही है, 2 लाख 75 हजार 870 शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के सर्टिफिकेट से संबंधित फोल्डर मिल चुके हैं।
निगरानी को उपलब्ध कराये गये 7 लाख 95 हजार 407 सर्टिफिकेट में से 5 लाख 24 हजार 680 सर्टिफिकेट की जांच हो चुकी है। जबकि जांच के लिए लंबित सर्टिफिकेट की संख्या 2 लाख 70 हजार 727 है। जांच में 1824 सर्टिफिकेट फर्जी पाये गए हैं। 951 मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। वहीं 2 हजार 121 शिक्षक, पंचायत सचिव, जन प्रतिनिधि और अधिकारी पर प्राथमिकी करायी गयी है।
गौरतलब हो कि बिहार में फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाली का मामला कई बार सामने आ चुका है। पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर निगरानी द्वारा उनपर जांच भी चल रही है। कई बार इन शिक्षकों से कहा गया है कि प्रमाणपत्र से जुड़ा फोल्डर जमा करें । लेकिन इसके बावजूद भी वे अबतक नहीं जमा कर पाए। अब इनपर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है।