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पुरानी पेंशन योजना को लेकर केंद्र दवाब में, लोकसभा चुनाव से पहले कर सकती है घोषणा, इन राज्यों में लागू
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: लंबे समय से सरकारी कर्मियों द्वारा पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए सरकार पर दवाब बनाया जा रहा है। यहाँ तक की कई राज्यों ने इसे लागू करने की घोषणा भी कर दी है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार पर भी लगातार दवाब बढ़ता जा रहा है। जबकि 2024 में देश में लोकसभा चुनाव भी होने हैं। लिहाजा अनुमान लगया जा रहा है कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना की बहाली का बड़ा तोहफा दे सकती है।
दरअसल गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान भी राज्य में पुरानी पेंशन योजना की बहली एक बड़ा मुद्दा बन गया है। आम आदमी पार्टी ने राज्य में सरकार बनने के बाद पुरानी पेंशन व्यस्था को बहाल करने का वादा कर सरकारी कर्मचारियों को रिझाने का बड़ा दांव खेल दिया है। वहीं कांग्रेस ने राज्य में सत्ता में आते ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर इसे लागू करने का वादा किया है।
इससे पहले आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सरकार बनते ही पुरानी पेंशन लागू करने के अपने वादे पर अमल भी करना शुरू कर दिया है। भगवंत मान की सरकार ने पंजाब सरकार ने 18 नवंबर को इस स्कीम को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने वादा किया था और हमने इसे निभाया है।
गौरतलब है कि राज्य स्तर पर देशभर में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे लागू भी कर दिया और पंजाब में इस स्कीम को लागू करने की तैयारी चल रही है। झारखंड सरकार ने भी इसपर अपनी सहमति दे दी है।
आपको बता दें कि ओपीएस के तहत सरकार द्वारा पूरी पेंशन राशि दी जाती थी, वहीं 2003 में एनडीए सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2004 से बंद कर दी गई थी। वहीं नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत पेंशन के लिए योगदान करना होता, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है।