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जेडीयू से कट गया RCP सिंह का टिकट, अब मंत्री पद भी जाएगा, इसपर ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने क्या कहा, पढ़ें
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में पांच राज्यसभा की सीटों के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा अंतिम रूप से घोषित कर दिया है। लेकिन इससे भी बड़ी खबर यह है कि जेडीयू ने अपनी पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के राज्यसभा का पता काट दिया है। उनके जगह पर
सीएम नीतीश कुमार की जदयू ने खिरू महतो को राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है।अब बता दें कि आरसीपी सिंह का राज्यसभा टिकट कटने पर अब उनका केंद्रीय इस्पात मंत्री का पद भी खतरे में हैं। RCP सिंह का टिकट कटने कोलेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
इस बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा का बड़ा बयान सामने आया है। ललन सिंह ने कहा कि पार्टी का विस्तार हमलोग झारखंड में भी करना चाहते हैं और झारखंड में पार्टी का विस्तार करने के लिए खिरू महतो को राज्यसभा प्रत्याशी बनाया गया है। वह साधारण परिवार से आते हैं और पार्टी के समर्पित नेता रहे हैं। वहीं जदयू में गुटबाजी को लेकर ललन सिंह ने कहा कि आपलोग गलत आकलन करते हैं। पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। खेमा एक ही है और वह है नीतीश कुमार। पार्टी में नीतीश कुमार ही सर्वमान्य नेता हैं। उसके अलावा ना ललन सिंह और ना ही उपेन्द्र कुशवाहा का कोई खेमा है।
आरसीपी सिंह के बाद अब केंद्र में कौन मंत्री होगा। इस पर ललन सिंह ने कहा कि ये पीएम फैसला करेंगे ये उनका मामला है। ये पीएम का विशेषाधिकार है। ये सब बकवास बातें हैं। वहीं जदयू के सीनियर नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है। पार्टी को एक सीट पर फैसला लेना था। सीएम ने यह तय किया है। उन्होंने कहा कि खिरू महतो पार्टी के समर्पित नेता हैं और उनके आने से पार्टी का अन्य प्रदेशों में विस्तार होगा। समय-समय पर जिसका हक़ बनता है पार्टी उनको सम्मानित करने का काम करती है।
बता दें कि केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह की राज्यसभा उम्मीदवारी को लेकर कई दिनों से जारी सस्पेंस रविवार को खत्म हो गया। जदयू ने आरसीपी सिंह को तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजने का फैसला कर लिया। और खिरू महतो को राज्यसभा प्रत्याशी बनाने का बड़ा निर्णय ले लिया। झारखंड की राजनीति से ताल्लुक रखने वाले खिरू महतो पांच दिन पहले ही पटना आकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। आरसीपी को लेकर लंबे समय से चल रही अटकलें पर विराम लग आया और यह सही साबित हुआ कि RCP सिंह का इस बार पत्ता कटना तय है।
मालूम हो कि विधानसभा सीटों की संख्या के आधार पर इन पांच सीटों में से 2 सीट बीजेपी और 2 सीट आरजेडी को जबकि एक सीट जेडीयू के खाते में जाना लगभग तय है। अगर पांच से ज्यादा उम्मीदवार चुनाव में खड़े होते हैं तो फिर 10 जून को मतदान होगा और अगर पांच उम्मीदवार ही नामांकन करते हैं तो मतदान की जरूरत नहीं पड़गी। बिहार की जिन पांच राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं, उनके सदस्यों का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है। जिसमें केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता आरसीपी सिंह, आरजेडी की मीसा भारती, भाजपा के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे के साथ-साथ शरद यादव की सीट शामिल है।
आपको बता दें कि बिहार में इस वक्त राज्यसभा की पांच सीटों पर चुनाव होना है। इसके लिए उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया 24 मई से ही शुरू हो चुकी है। जबकि 1 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। वहीं उम्मीदवार 3 जून तक नाम वापस भी ले सकते हैं।