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पांचवीं कक्षा के छात्र ने सीएम नीतीश से कहा-सरकारी स्कूलों में नहीं होती है पढ़ाई, वह पढ़ना चाहता है
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार मे शिक्षा व्यवस्था कितनी निचे गिर गई है। इसकी कल्पना करना समझ से परे हैं । शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार नीतीश सरकार से सवाल पूछे जाते रहे हैं लेकिन उसे लाठियाँ बरसाकर शांत कर दिया जाता है। लेकिन कब तक सरकार इस अव्यवस्था को दबाकर रखेगी । इसकी पोल समय-समय पर खुल ही जाती है। वो भी सीएम नीतीश के सामने ही। कुछ ऐसा ही वाक्या इन दिनों सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक 11 वर्षीय पांचवी कक्षा का छात्र सोनू यादव ने सीएम नीतीश से शिकायत कर दी की वह पढ़ना चाहता है । लेकिन सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर नहीं है| इसलिए उसे अच्छे स्कूल में पढ़ने का मौका दिया जाए |
दरअसल एक जनसंवाद कार्यक्रम में नीतीश कुमार के सामने 11 साल के सोनू कुमार ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि सर हमको पढ़ने के लिए हिम्मत दीजिए, हमें गार्जियन शराब पीने के चलते नहीं पढ़ाते हैं। सोनू ने कहा कि मेरे पिता की दही की दुकान है, वहां से जो भी कमाई होती है, उसे वो शराब पीने में उड़ा देते हैं। बता दें कि इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ये सभी वाक्यांश तब हुए जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी दिवंगत पत्नी मंजू सिन्हा की 16वीं पुण्यतिथि के मौके पर बिहार के नालंदा जिले के कल्याण बिगहा गांव पहुंचे थे। इस दौरान सीएम नीतीश जनसंवाद कार्यक्रम में जनता की समस्याएं सुन रहे थे। तभी 11 साल का सोनू लोगों के बीच से सीएम नीतीश से आंखों में आखें डालकर बातें करने लगा। पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले सोनू कुमार यादव ने बिना झिझकते हुए मुख्यमंत्री से कहा, “सर, सुनिए न..प्रणाम, हमको पढ़ने के लिए हिम्मत दीजिए| गार्जियन नहीं पढ़ाते हैं.।” सोनू ने नीतीश कुमार को बिहार में शिक्षा की बदहाली और शराबबंदी की हालत से अवगत कराया।
बाद में मीडिया से सोनू ने बताया, “मैंने सीएम से अनुरोध किया कि मुझे अच्छी शिक्षा प्रदान करें। मेरे पिता मुझे पढ़ाई के लिए पर्याप्त पैसे नहीं देते क्योंकि वह सारा पैसा शराब पर खर्च कर देते हैं।” बता दें कि सोनू कुमार मुख्य रूप से हरनौत ब्लॉक के नीमा कौल गांव का रहने वाला है।
सोनू कुमार ने बताया, “मैं अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने के लिए नर्सरी से कक्षा 5 तक के बच्चों को पढ़ाता हूं। लेकिन मेरे पिता मेरा पैसा शराब पर खर्च करते हैं। सीएम ने मेरे अनुरोध पर सहमति जताई है और अपने एक अधिकारी से मुझे एक अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए कहा है। सरकारी स्कूल अच्छी शिक्षा नहीं देते।”
अब इसे लेकर पूरे राज्य के लोग सीएम नीतीश से पूछ रहे हैं कि बिहार में जब शराब बंदी लागू है तो कहां से यह लोगों को मिल रहा है। बिहार में सरकारी स्कूलों की स्थिति इतनी अच्छी है तो इस मासूम बच्चे ने क्यों कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है।
यह भी बता दें कि बिहार में शिक्षकों की घोर कमी है। लेकिन जिस अनुपात में शिक्षकों की बहाली होनी चाहिए उस अनुपात में शिक्षकों की बहाली नहीं हो रही है। स्कूलों में काफी पद शिक्षकों के रिक्त पड़े हैं । कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि हमलोग 2012 से STET परीक्षा पास होकर भटक रहे हैं लेकिन सरकार केवल नियोजन के नाम पर खानापूर्ति कर उन्हें पिछले 9 वर्षों से दौड़ा रही है।