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विशेष रिपोर्ट: राबड़ी देवी के इफ्तार पार्टी में सीएम नीतीश का पहुंचना किसी बड़े राजनीतिक उलटफेर की आहट तो नहीं है?

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जे.पी.चन्द्रा की विशेष रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार का राजनीतिक तापमान इस समय गर्म है। चारो तरफ तेजस्वी द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी की ही चर्चा हो रही है। क्योंकि शुक्रवार को पटना में जैसे-जैसे सीएम नीतीश कुमार के कदम राबड़ी आवास के तरफ बढे़ वैसे-वैसे लोगों के जेहन में सवाल उठे  की क्या बिहार में कोई बड़ा राजनीतिक उलटफेर तो नहीं होनेवाला है ?  क्या बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा खेल होने को है? ऐसी अटकलें सीएम नीतीश कुमार की वजह से लग रही हैं। वहीं तेजप्रताप ने तो यहाँ तक कह दिया है कि हम सरकार बनाने वाले हैं ।

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बता दें कि शुक्रवार को आरजेडी की इफ्तार पार्टी में नीतीश के शामिल होने को लेकर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने तो दो कदम आगे बढ़कर बिहार में सरकार बनाने की भविष्यवाणी कर दी। तेज प्रताप यादव ने कहा, ‘सीक्रेट बात हुई है। हम बिहार में सरकार बनाएंगे। राजनीति में उथल-पुथल चलता रहता है। सियासत में कुछ भी संभव है। वहीं आरजेडी से राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने कहा, राजनीति में कुछ भी अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है…कब क्या हो जाए, किसी को नहीं पता।

दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास से पैदल ही 10, सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास पहुंचे। इफ्तार पार्टी में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, राबड़ी देवी, मीसा भारती सभी नीतीश के साथ ही बैठे। चिराग पासवान और मुकेश सहनी भी इस दावत में पहुंचे। तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने हर पार्टी के नेताओं को न्योता दिया है, चाहे वो बीजेपी से हो या फिर वीआईपी या एलजेपी से। यह एक परंपरा है कि सभी इफ्तार में शामिल होते हैं। लेकिन इस तरह इफ्तार के बहाने आरजेडी ने एक बड़ा सियासी जमघट लगा दिया।

हालांकि बीजेपी ये कह रही है कि नीतीश के दावत में जाने के राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा, यहां तेजस्वी यादव ने इफ़्तार दिया है। हमें भी बुलाया गया था, हम आ गए। इसमें कोई राजनीतिक मामला निकालने की जरूरत नहीं है। लेकिन इस इफ्तार पार्टी की टाइमिंग सबसे अहम है।ये राजनीतिक जमघट गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे की पूर्व संध्या पर हुआ है, इसलिए इसमें कोई राजनीतिक संदेश जरूर छिपा है।

यहाँ यह भी गौरतलब हो कि अक्सर बीजेपी के नेता सीएम नीतीश कुमार पर किसी न किसी बहाने से निशाना साधते रहते हैं। कभी वे प्रदेश में शराब बंदी को लेकर तो कभी विधि-व्यवस्था की स्थिति को लेकर । वहीं जब से वीआईपी पार्टी के तीनों विधायकों को बीजेपी ने अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है तब से वह राज्य में बड़ी पार्टी होने का दंभ भरने लगी है। साथ ही इसके सहारे वह जेडीयू को बताना चाह रही है कि वह अब यहाँ बड़े भाई की भूमिका में है। वहीं दूसरी तरह बिहार के बोचहा विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में राजद ने जब से जीत दर्ज की है वह नये सियासी समीकरण में जुट गई है।

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