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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: औरंगाबाद जिले में रविवार को भाकपा माओवादी नक्सलियों द्वारा बुलाए गये बंदी का असर कई प्रखंडों में व्यापक रहा तो कई प्रखंडों में मिला जुला रहा । कई प्रखंडों में दुकानें सुबह से ही बंद रही । बाजार में सन्नाटा पसरा रहा । बता दें नक्सलियों ने छह राज्यों में बंदी का एलान किया था। यह बंदी प्राकृतिक संसाधनों को निजि हाथों में सौपने के विरोध में किया गया था।
नक्सलियों के बंद का असर नवीनगर, बालूगंज, केताकी एवं टंडवा में यह रहा कि दुकानदार अपनी दुकानों तक नहीं पहुंचे। देव एवं माली में भी बंद का असर देखा गया। भाकपा माओवादी के प्रवक्ता साकेत कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश से सटे जंगली क्षेत्र में प्राकृतिक संपदा विराजमान है। सरकार इसे निजी हाथों में सौंपने में लगी है जिसका हम विरोध करते हैं। नवीनगर के रामनगर, टंडवा, तेतरिया मोड, बड़ेम, अंकोरहा बाजार में बंद का असर देखा गया।
वहीं बंदी को लेकर नक्सल इलाके में पुलिस गश्ती तेज कर दी गई थी। हर जगह पुलिस की तैनाती की गई। केंद्रीय बलों के साथ स्थानीय पुलिस नक्सलियों की टोह में छापेमारी कर रही है। सड़कों पर बसों का परिचालन बंद रहा जिस कारण टेंपो चालकों की चांदी कटी। टेंपो चालकों ने नक्सल इलाके में जाने के लिए तीन से चार गुणा भाड़ा वसूली की। नबीनगर जाने के लिए लोगों को बस नहीं औरंगाबाद बस स्टैंड में मिल रहा था। लोग घंटों इंतजार कर रहे थे।
अगर बात देव की करें तो वहाँ बंद का असर देखा गया । देव क्षेत्र में बालूगंज, चटी, केताकी बाजार बंद रहा । गाडि़यों का परिचालन बंद रहा । बैंकों के एटीएम में भी ताला लटका रहा । जबकि मदनपुर में बाजार आम दिनों की तरह खुला रहा । बंदी का कोई असर नहीं देखा गया।