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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: आपने सुना या पढ़ा जरूर होगा कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। चाहे उनके सामने कैसी भी परिस्थिति या उनकी कितनी भी उम्र क्यों न हो । कुछ ऐसी ही खबर औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड के सरदवन बिगहा गांव निवासी विजय यादव की पत्नी देवंती देवी की है। वे सात बच्चों की मां हैं । लेकिन उन्होंने इस उम्र के पड़ाव पर भी हार नहीं माना । और होमगार्ड बहाली की मेधा सूची में चयनित होकर सुर्खियों में आ गई हैं। देवंती ने पांच मिनट में 800 मीटर की दूरी तय की है।
स्कूल के समय से नौकरी करने की इच्छा पाले देवंती ने 2011 में होमगार्ड के लिए आवेदन दिया था। 11 वर्षों बाद विभाग ने शारीरिक दक्षता परीक्षा ली, जिसमें वह सफल हो गईं। 35 वर्षीय देवंती ने बताया कि मेरा कोई भाई नहीं था जिस कारण मैं अपने पति के साथ मायके में रह गई। मायके में रहने के कारण हमें कभी दौड़ने में शर्म नहीं आई। सुबह-शाम दो घंटे दौड़ का अभ्यास करती थी। स्वजन के साथ गांव के लोगों ने हौसला बढ़ाया। अभ्यास के दौरान पति के साथ पुत्र मनीष, सुजीत कुमार एवं पुत्री मंजू एवं रंजू कुमारी साथ रहती थी। कंचन एवं रेखा की शादी हो चुकी है। सबसे बड़ा पुत्र हेमंत यूपी पुलिस में है।
उन्होंने बताया कि मैंने गांव में ही पढ़ाई की है। घरेलू काम करने के बाद फुर्सत के समय में दौड़-कूद का अभ्यास करती थी। बचपन से ही नौकरी करने की ललक थी। कम उम्र में शादी हो गई। सात बच्चे हुए जिसकी परवरिश में लगी रही परंतु कभी हार नहीं मानी। बच्चों के सेहत के साथ अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखती थी। घर में हमेशा गाय-भैंस रहे जिस कारण दूध की कमी नहीं हुई। अब गांवों में भी सालभर से सब्जियां उगने लगी है।
उन्होंने बुधवार को बताया कि मैं नियमित अभ्यास करती थी जिस कारण यह लगता था कि हमें सफलता अवश्य मिलेगी। मंगलवार को जब मैं पुलिस लाइन मैदान में दौड़ रही थी तो पति के साथ इंटर का छात्र पुत्र सुजीत कुमार हौसला बढ़ा रहा था। दोनों एक स्वर में चिल्ला रहे थे दौड़ जा अब पहुंच गई है। देवंती का बड़ा पुत्र हेमंत उत्तर प्रदेश पुलिस में है जो वर्तमान में गोरखपुर में तैनात हैं। बेटे की शादी कर दी है और बहू घर पर साथ रहती है। बहूू घरेलू कामों में हाथ बंटाती है जिस कारण इधर के दिनों में हमें अभ्यास करने का मौका मिला। बता दें कि उन्होंने मंगलवार को 250 महिलाओं ने दौड़ लगाई थी।
होमगार्ड के कमांडेंट रितेश कुमार ने बताया कि जो महिलाएं शारीरिक दक्षता परीक्षा में सफल हुईं हैं उनकी मेधा सूची तैयारी की गई है। देवंती का नाम मेधा सूची में है। दौड़ के बाद महिलाओं की ऊंची कूद, लंबी कूद के साथ ऊंचाई की जांच की गई है। कुछ दिनों बाद चयनित अभ्यर्थियों की फाइनल सूची तैयार की जाएगी।
देवंती ने बताया कि स्कूल में पढ़ते थे तो खेलकूद में हमेशा भाग लेती थी। तब दौड़ में आगे रहने पर सुकून मिलता था। देवंती को तीन पुत्र और चार पुत्रियां हैं। दो पुत्रियों की शादी हो चुकी है। दो अविवाहित हैं जो साथ रहते हुए घरेलू कार्यों में सहयोग करते हैं।
आपको बता दें कि देवंती जब स्कूल में पढ़ाई करती थी उसी समय से वे खेल कूद में रूचि रखती थीं । उस समय वे जब दौड़ में आगे रहती थीं तो बहुत सुकून मिलता था। देवंती ने बताया कि उनके सात बच्चों में तीन बेटा और चार बेटियां है। जिसमें दो बेटियों की वे शादी कर चुकी हैं और दो अविवाहित हैं । लेकिन उन्होंने पुत्र-पुत्रियों में कभी फर्क नहीं की।