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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बहुत कम लोगों के पास यह सामान्य जानकारी नहीं होती है कि सीआरपीसी यानी दंड प्रक्रिया संहिता क्या है? तो आईये इसके बारे में जानते हैं । यह क्या होता है और यह कब देश में लागू किया गया था?
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है। इसका फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होता है। इसे हिंदी में ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ कहा जाता है।
इस दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं। जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है। सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है।
मतलब CrPC में पुलिस की कार्य प्रणाली से जुड़ी प्रक्रिया के बारे में तो निर्देश मिलते ही हैं, साथ ही सीआरपीसी न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) से जुड़े कई शब्दों को भी परिभाषित करती नजर आती है।
बता दें कि crpc के लिए 1973 में कानून को पारित किया गया था । और यह दंड प्रक्रिया संहिता 1 अप्रैल 1974 से देश में लागू किया गया था । जिसमें उस समय से कई बार अबतक संशोधन भी किये गये हैं ।