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कुछ ही देर में आएगा कोर्ट का फैसला, लालू प्रसाद यादव को होगी जेल या फिर मिलेगी बेल  

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जे.पी चन्द्रा की रिपोर्ट 

बिहार नेशन: कुछ ही घंटे में आज राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव से जुड़े मामले में फैसला आनेवाला है। इस फैसले से यह स्पष्ट हो जाएगा कि लालू प्रसाद जेल जाएंगे या बेल मिलेगी । इस बात को लेकर सभी की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी है। यह मामला चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से जुड़ा है। इसके लिए राजद सुप्रीमो लालू यादव रांची पहुंच चुके हैं। इस घोटाले में लालू यादव सहित 99 लोग आरोपी है। इसकी सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत कर रही है, जिसका आखरी दिन मंगलवार को ही है।

डोरंडा कोषागार मामले में पुराने केसों का रेफरेंस लेते हुए सुनवाई की जाएगी। ऐसे में उन सभी मामले पर सुनवाई होगी, जिनमें लालू यादव ने सजा पाई हुई है और अभी फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं।चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी (RC 47ए/96) के मामले में आज फैसला आएगा।

इस केस में 10 महिलाएं भी आरोपी है। मामले में चार राजनीतिज्ञ, दो वरीय अधिकारी, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी स्तर के एवं 53 आपूर्तिकर्ता मुकदमे का सामना कर रहे हैं। अदालत ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया है।

बता दें, सुनवाई में उपस्थित रहने के लिए लालू 2 दिन पहले 13 फरवरी को ही रांची पहुंच गए हैं। वहां उनका कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया था। अभी वह रांची में ही है। चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं। वह अब तक 6 बार जेल भी जा चुके हैं। अभी दुमका ट्रेजरी मामले में जमानत पर बाहर हैं।

सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे। ये रुपयों को संदिग्‍ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था। उन 53 मामलों में से यह मामला आरसी 47 (ए)/ 96 सबसे बड़ा जिसमें सर्वाधिक 170 आरोपित शामिल हैं। इस मामले में सर्वाधिक 139 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि की अवैध निकासी की गई थी। मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों की संख्‍या भी सबसे अधिक 585 है।

आपको यह भी बता दें कि लालू प्रसाद ने हाल ही में पार्टी की हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लिया था । साथ ही इस बैठक में यह साफ़ कर दिया था कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभी वही हैं और तेजस्वी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की बात सिरे से खारिज कर दी थी।  वहीं पुत्र तेजस्वी और पुत्री मीसा भारती को अपनी बगल में बैठाकर यह संदेश भी देने का प्रयास उन्होंने किया कि उनकी नजर सभी बराबर है। बेटा बेटी में फर्क नहीं कर रहे हैं ।

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