Bihar Nation
सबसे पहले सबसे तेज़, बिहार नेशन न्यूज़

छठे चरण के शिक्षक नियोजन में 40 हजार से अधिक शिक्षकों को मिलेगी नियुक्ति,लेकिन शिकायतें भी हैं अभ्यर्थियों की

0 403

जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार में इस समय शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया चल रही है। राज्य में 1ली से 5वीं, 6ठी से 8वीं, 9-10वीं एवं11वीं-12वीं कक्षा तक के शिक्षकों का नियोजन होना है। कुल मिलाकर 40 हजार से अधिक स्कूली शिक्षकों की बहाली होनी है।राज्य में छठे चरण में प्रारंभिक शिक्षकों के 90, 762 पदों के विरुद्ध चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 42,902 है। इसी प्रकार छठे चरण के तहत ही माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 32,714 पदों के विरुद्ध चयनित अभ्यर्थियों की संख्या तकरीबन आठ हजार है।

हालांकि, इसकी पुष्टि फिलहाल आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है। नियुक्ति की शुरूआत 17 फरवरी को माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली से होने वाली है। ठीक उसके छह दिन बाद यानी 22 फरवरी को 42,902 प्रारंभिक शिक्षक पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी है। चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच रिपोर्ट दो जिले को छोड़ बाकी सभी जिलों से शिक्षा विभाग को मिल गयी है। माना जा रहा है कि बाकी दो जिले की रिपोर्ट भी सोमवार को शिक्षा विभाग को मिल जायेगी। इसकी समीक्षा शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को की जानी है।

राज्य में छठे चरण के तहत 32,714 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मेधा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट के सत्यापन (मिलान) कोटिवार एवं विषयवार का कार्य आठ फरवरी से शुरू होकर 11 फरवरी को पूरा हो चुका है। अब, उपस्थित अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र का सत्यापन (मिलान) के आधार पर तैयार अंतिम चयन सूची का जिला परिषद-शहरी निकाय द्वारा अनुमोदन सोमवार (14 फरवरी) तक किया जाना है। अनुमोदित अंतिम मेधा सूची व रोस्टर बिन्दु के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची और विद्यालय व विषयवार रिक्ति का जिले के एनआईसी वेबसाइट पर 15 फरवरी तक प्रकाशित होगी। उसके बाद 17 एवं 18 फरवरी को जिला स्तर पर नियोजन इकाई द्वारा सहमति पत्र प्राप्ति के उपरांत चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे।

उसके बाद 22 फरवरी को प्रारंभिक शिक्षक पद के लिए चयनित 42,902 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी पर काम चल रहा है। ऐसे चयनित अभ्यर्थियों को उनके टीईटी-सीटीईटी सर्टिफिकेट की जांच के आधार पर नियुक्ति पत्र दिये जाने हैं। आपको याद दिला दूं कि शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की पहल पर राज्य में छठे चरण में 90, 762 प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तीन चक्र में काउंसलिंग हो चुकी है। पहले चक्र में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जिनमें छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं पड़े थे। दूसरे चक्र में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग हुई, जिनमें छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन पड़े थे। पहले चक्र की काउंसलिंग गत पांच जुलाई से शुरू होकर 12 जुलाई तक हुई।

इससे इतर दूसरे चक्र की काउंसलिंग गत दो अगस्त से शुरू होकर 13 अगस्त तक चली। दो चक्र की काउंसलिंग में ऐसी भी नियोजन इकाइयां रहीं, जिनकी काउंसलिंग या तो स्थगित हुई या रद्द हुई। ऐसे तकरीबन 1,368 नियोजन इकाइयों के 12,495 पदों के लिए तृतीय चक्र की काउंसलिंग 17 जनवरी से 28 जनवरी तक हुई। तीनों चक्र की काउंसलिंग में 42,902 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिन्हें उनके टीईटी या सीटीईटी के सर्टिफिकेट की जांच के आधार पर नियुक्ति पत्र दिया जाना है।

लेकिन आपको बता दें कि सरकार की इस शिक्षा की  नियोजन नीति से अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि धरातल पर कुछ और है लेकिन सरकार कहती कुछ और है। खासकर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के एसटीईटी पास अभ्यर्थियों की शिकायत है कि वे वर्ष 2012 से परीक्षा पास होकर सड़कों पर भटक रहे हैं , उनकी उम्र सीमा भी समाप्त होनेवाली है। लेकिन नीतीश सरकार उनकी नियोजन नहीं कर रही है । केवल नियोजन के नाम पर चरण दर चरण की खानापूर्ति कर रही है। जबकि उत्क्रमित विद्यालयों में काफी रिक्तियां हैं । लेकिन सरकार की मंशा नियोजन की नहीं बल्कि दिखावा करने की है। छात्रों ने सवाल उठाये कि सरकार केन्द्रिकृत तरीके से नियोजन क्यों नहीं करती है ?

Leave A Reply

Your email address will not be published.