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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में इस वक्त शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन इस नियोजन प्रक्रिया जाली सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लेने की चाहत रखने वाले भी कम नहीं हैं । वे सरकार की लाख बंदिशों के बावजूद भी इस तरह के फर्जी सर्टिफिकेट लेकर काउंसलिंग में पहुंच जा रहे हैं । ताजा मामला नालंदा जिले से जुड़ा है, जहां शिक्षक नियोजन के काउंसलिंग के दौरान ही फर्जी सर्टिफिकेट दिखने वाले 4 शिक्षक अभ्यर्थियों को SDO ने धर लिया। कुल 9 सीट के लिए शिक्षक नियोजन, हुसैना द्वारा वर्ग 1 से 5 के शिक्षकों का चयन किया जाना था।
मामला पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई के सरमेरा प्रखंड के हुसैना पंचायत का है जहाँ SDO कुमार अनुराग ने प्रेक्षक के तौर पर कुल 4 अभियर्थियों को फर्जी सर्टिफिकेट के साथ पकड़ा है। कुल 9 सीट के लिए शिक्षक नियोजन, हुसैना द्वारा वर्ग 1 से 5 के शिक्षकों का चयन किया जाना था।
इसी दौरान मेधा सूची के आधार पर जब 8 अभ्यर्थियों की कागजात की जांच की गई तो उनमे से 4 दावेदारों की सर्टिफिकेट फर्जी पाई गयी। पूछ-ताछ के दौरान सभी आरोपी जवाब देने में अक्षम पाए गए, और स्वीकार किया कि गलत तरीके से उन्होंने यह सर्टिफिकेट बनवाया है। पकड़े गए सभी 4 फर्जी अभ्यर्थियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जारी किया गया है।
गौरतलब हो कि राज्य के कई जिलों में शिक्षकों के फर्जी पाए जाने पर उनके खिलाफ कारवाई के आदेश भी दिये गये हैं । साथ ही उनसे वेतन की वसूली के भी आदेश दिये गये हैं । अभी भी राज्य में फर्जी शिक्षकों की काफ़ी संख्या बताई जाती है । हालांकि इसकी जांच की प्रक्रिया लगातार जारी है। भले ही कभी-कभी ठंडे बस्ते में यह जांच की प्रक्रिया अधिकारियों द्वारा डाल दिया जाता है। लेकिन देर सवेर ऐसे शिक्षकों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।