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धान की खरीदारी में लापरवाही करना पड़ा भारी, तीन प्रखंडों के सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों के वेतन पर लगी रोक  

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: औरंगाबाद जिले अंतर्गत तीन प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों का वेतन धान अधिप्राप्ति में रूचि नहीं लेने के कारण बंद कर दिया गया है। साथ ही 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण भी देने को कहा गया है। इन सभी पर आरोप है कि ये किसानों को इसका सही लाभ नहीं दिला पा रहे हैं । ये हैं औरंगाबाद के प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी आशुतोष कुमार,मदनपुर के नीरज कुमार और कुटुंबा के धर्मेंद्र राम।

डीएम सौरभ जोरवाल द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि 5 जनवरी का रैंकिंग प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है जिसमें औरंगाबाद जिले के औरंगाबाद प्रखंड, मदनपुर और कुटुंबा की स्थिति काफी दयनीय है। कहा गया कि प्रखंड स्तर पर धान अधिप्राप्ति से संबंधित कार्य का निष्पादन सही तरीके से नहीं हो रहा है। धान की अधिप्राप्ति पैक्स, व्यापार मंडल के स्तर से की जानी है। जिस प्रखंड में व्यापार मंडल क्रियाशील नहीं है, वहां सक्षम पैक्स के माध्यम से धान की अधिप्राप्ति होनी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिक से अधिक धान की अधिप्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत कार्य योजना और मार्गदर्शन किया गया जिसका अनुपालन नहीं हो रहा है। इसे घोर लापरवाही और वरीय पदाधिकारी के आदेश का उल्लंघन मानते हुए 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है। धान की अधिप्राप्ति संतोषजनक नहीं रहने और कार्य में रूचि नहीं लेने की स्थिति में संबंधित प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजने की बात कही गई है।

आपको बता दें कि धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया बहुत ही धीमी है। साथ ही स्थिति यह है कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में किसानों की समस्या को सुननेवाला कोई नहीं है। हालांकि जिलाधिकारी ने कड़ा कदम उठाते हुए इन तीनों प्रखंड के इन अधिकारियों का वेतन बंद कर दिया है।

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