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बिहार नेशन: औरंगाबाद ज़िले के बाल सुधार गृह से फरार हुये 33 विधि विवादित किशोर में से 24 को सकुशल बरामद कर लिया गया है। इस मामले की जानकारी देते एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि विगत दिनों काफी संख्या में मुफसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत बभंडी स्थित बाल सुधार गृह से विधि विवादित किशोर फरार हो गए थे जिनकी लगातार छानबीन की जा रही थी।
इसी सिलसिले में 24 पकड़े गये है। ये सभी गया, कैमूर, पलामू, बक्सर एवं रोहतास ज़िले के रहने वाले हैं। यहां की स्थानीय पुलिस संपर्क हैं ताकि यथासीघ्र फरार 09 विधि विवादित किशोरों को तलाश की जा सके।
डीएसपी ने बताया कि शनिवार की रात औरंगाबाद के बाल सुधार गृह से 33 बाल कैदी फरार हुए थे। इसमें मोहनियां अनुमंडल के चार बाल कैदी शामिल थे।
दो कैदी दुर्गावती थाना के दुर्गावती बाजार व पिपरा गांव के थे।जिन्होंने दुर्गावती पुलिस की दबिश से शनिवार को उनके समक्ष आत्मसमर्पण किया। मोहनियां पुलिस शनिवार को नगर के दो बाल कैदियों के घर पहुंच कर उनके अभिभावकों को समझाया था।
बाल कैदियों को शीघ्र पुलिस को सौंपने को कहा था। रविवार को मोहनियां निवासी कैदी ने डीएसपी आवास पर आत्मसमर्पण कर दिया। मोहनियां के दूसरे बाल कैदी ने रविवार को औरंगाबाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
इस तरह मोहनियां अनुमंडल के फरार चारों बाल कैदियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। बताया जाता है कि फरार 33 बाल कैदियों में से ज्यादातर या तो लौट आए, आत्मसमर्पण कर दिया या पुलिस द्वारा पकड़ लिए गये। हालांकि इस दौरान कुछ इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के द्वारा पांच आरोपियों के बारे में जिक्र किया गया है जबकि मामले में तीन ही आरोपी है।
वहीं जिले अन्तर्गत मदनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती के साथ पांच लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों के विरुद्ध जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाई के लिए विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशिका कुमारी के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र को न्याय हेतु मांग-पत्र सौंपा है।
आशिका ने कहा कि हाल ही में एक युवती को अगवा कर पांच दरिंदों ने जिस प्रकार से सामुहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया है। वह मानवता को शर्मशार करती हैं।
ऐसी घटनाओं का पुनरावृत्ति ना हो जिसके लिएदोषियों के विरुद्ध निंतात रूप से कठोर कार्यवाई आवश्यक है।
ताकि अपराधियों के मन में कानून का भय और प्रशासन की सम्मान आम आदमी में बरक़रार रहे। विद्यार्थी परिषद इस घटना की कड़ी निंदा करती हैं।
प्रदेश पदाधिकारी पुष्कर अग्रवाल ने कहा कि पीड़िता के ब्यान पर सभी नामजद आरोपियों को तत्काल सजा दी जाए। वहीं, पीड़िता को सरकार द्वारा निर्धारित 10 लाख की मुआवजा राशि प्रदान किया जाए।
ताकि उसे उच्च शिक्षा ग्रहण करने में कोई परेशानी न हो। इस दौरान नगर मंत्री कुणाल, विश्वजीत, कौशल, रमेश, ईशा, हनी, आइसा, सौरभ एवं सीबू शर्मा उपस्थित थे।