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तेजप्रताप का संगठन बना नहीं कि झमेला शुरू, राष्ट्रीय संगठन प्रभारी सुमंत राव उर्फ बबलू सम्राट ने दी आत्महत्या की धमकी
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: तेजप्रताप यादव की मुश्किलें कमने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। हर रोज वे एक नई परेशानी का सामना कर रहे हैं । अब खबर है कि वे एक बार फिर से नई मुसीबत में फंस गये हैं । इस बार मुसीबत खुद के बनाए गये छात्र जनशक्ति परिषद् के संगठन के सदस्य से ही मिली है। रविवार को वे अपने सिर पर पर आयी नयी मुसीबत में मदद मांगने सचिवालय थाना पहुंच गये।तेजप्रताप ने पुलिस से कहा कि उनके संगठन छात्र जनशक्ति परिषद का संगठन प्रभारी आत्मदाह की धमकी दे रहा है, अगर उसे कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेवारी उनकी नहीं होगी।
दरअसल तेजप्रताप यादव ने पिछले महीने ही अपना नया संगठन छात्र जनशक्ति परिषद बनाया है। इस संगठन का राष्ट्रीय संगठन प्रभारी उन्होंने अपने खास समर्थक सुमंत राव उर्फ बबलू सम्राट को बनाया था। बबलू सम्राट ने ही छात्र जनशक्ति पार्टी का कार्यक्रम आय़ोजित किया था। इसी कार्यक्रम में तेजप्रताप यादव ने आऱोप लगाया था कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव को दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है।
रविवार को तेजप्रताप यादव पटना के सचिवालय थाना पहुंच गये। उन्होंने सचिवालय थानाध्यक्ष से शिकायत की कि बबलू सम्राट आत्मदाह करने की धमकी दे रहा है। तेजप्रताप ने कहा कि अगर उसने कुछ कर लिया तो वे जिम्मेवार नहीं होंगे। तेजप्रताप यादव ने बबलू सम्राट पर औऱ कई आऱोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की।
तेजप्रताप यादव की शिकायत मिलने के बाद सचिवालय थानाध्यक्ष ने बबलू सम्राट को फोन किया और पूछा कि वह क्यों आत्मदाह करने की धमकी दे रहा है। बबलू सम्राट ने इसका दोष तेजप्रताप के माथे पर मढ़ दिया। उसने पुलिस को बताया कि छात्र जनशक्ति परिषद की स्थापना करने में सबसे अहम रोल निभाया। संगठन का संविधान भी उसी ने तैयार किया।
लेकिन संगठन बनने के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने देखा कि छात्र जनशक्ति परिषद अपने उद्देश्यों से भटक गयी। संगठन की ये हालत देखकर बबलू सम्राट ने अपना इस्तीफा तेजप्रताप यादव को वॉट्सऐप से भेज दिया।बबलू सम्राट ने पुलिस को बताया कि अपने इस्तीफा में उसने कई सवाल भी उठाये थे। तेजप्रताप यादव को उस पर काम करना चाहिये था पर उन्होंने इस्तीफा मंजूर करने के बजाय बबलू सम्राट को छात्र जनशक्ति परिषद से निकालने का पत्र जारी कर दिया।
बबलू सम्राट ने पुलिस को बताया कि तेजप्रताप और उनके समर्थक उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। समाज में उसकी इज्जत खराब की जा रही है। बबलू सम्राट ने पुलिस से कहा कि अगर अपनी इज्जत बचाने के लिए वह क्या करे। अगर किसी संगठन को लेकर सवाल पूछना गुनाह है तो पुलिस कार्रवाई करे।
बबलू सम्राट ने सचिवालय थाना पुलिस को दिये गये जवाब में कहा है कि 5 सितंबर को छात्र जनशक्ति पार्टी के गठन का फैसला लिया गया था। इसी दिन एडवोकेट, शिक्षक और शोध छात्रों की बैठक की गई थी। इसी बैठक की अध्यक्षता तेजप्रताप यादव ने की थी तो संचालन सुमंत राव उर्फ बबलू सम्राट ने किया था। इसी बैठक में छात्र जनशक्ति पार्टी के गठन के साथ साथ उसके संविधान को मंजूरी दी गयी थी।
बता दें की संगठन के संविधान के मुताबिक इसका प्रवक्ता कोई शिक्षक ही बन सकता है लेकिन तेजप्रताप यादव ने संगठन के संविधान को ताक पर रख कर काम करना शुरू कर दिया। कई दूसरे फैसले भी लिये गये। इन्हीं सवालों को उठाने के कारण उन्हें मानसिक तौर पर प्रताडित किया जा रहा है।
हम आपको बता दें कि छात्र जनशक्ति परिषद बनाने के साथ ही तेजप्रताप यादव को लगातार झटके लग रहे हैं। उन्होंने अपने छात्र जनशक्ति परिषद के नेता संजय़ यादव को तारापुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतार दिया था। लेकिन अगले ही दिन संजय यादव ने तेजस्वी से मिलकर पाला बदल लिया।
गौरतलब हो कि इन दिनों आरजेडी के अन्दर तेजस्वी और तेजप्रताप यादव में अनबन चल रही है। वहीं तेजप्रताप यादव के इस बयान ने और मामला गरमा दिया जब उन्होंने कहा था की उनके पिता लालू प्रसाद यादव को बंधक बनाकर रखा गया है। हालांकि उनकी माता राबड़ी देवी इस घरेलू मामले को बचाने के लिये तेज प्रताप यादव के आवास पर भी दिल्ली से सीधे गई थीं लेकिन वे नहीं मिले।