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जे.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार पंचायत चुनाव में जब से सरपंचों के अधिकार बढ़ाए गये हैं तब से इस पद पर भी दावेदारों की संख्या बढ़ गई है। वहीं इससे पहले सरपंच के पद की बात करें तो इस पद पर उम्मीदवार भी नहीं मिलते थे ।इसका परिणाम यह होता था की कई जगहों पर इसका पद खाली रह जाता था। लेकिन इस बार परिस्थितियाँ बदल गई हैं । लोगों में इस पद को लेकर भी उत्साह देखा जा रहा है।
मुजफ्फरपुर के जिले के मड़वन और सरैया में नामांकन का काम पूरा हो चुका है। दोनों प्रखंडों में सरपंच पद के लिए भी बड़ी संख्या में नामांकन हुए हैं। सरैया में सरपंच के 29 पदों के लिए 194 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। मड़वन में 14 पदों के लिए 108 नामांकन हुए हैं। सरैया में पुरुषों से कहीं ज्यादा महिलाएं सरपंच पद की दौड़ में हैं।
कई पंचायतों में जो लोग सिर्फ मुखिया पद को लेकर पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाते रहे हैं, उसमें से कुछ का झुकाव सरपंच पद के लिए भी बढ़ता जा रहा है।
जहां पिछले पंचायत चुनाव तक सरपंच पद के लिए एक पंचायत में दो से चार लोग ही नामांकन करते थे, वहीं इस बार एक पंचायत में पांच से लेकर 10-12 लोगों ने नामांकन किया है।
पिछली बार मीनापुर प्रखंड के चतुर्सी पंचायत से मुखिया पद का चुनाव लड़ने वाले एक प्रत्याशी इस बार भी 15 रोज पहले तक मुखिया का ही चुनाव लड़ने के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे थे।
लेकिन सरकार द्वारा मुखिया के अधिकार में कटौती व सरपंच के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोत्तरी किये जाने की घोषणा के साथ ही इन्होंने अपना इरादा बदलते हुए सरपंच पद की तैयारी शुरू कर बैनर पोस्टर भी बदल दिया है।
आपको बता दें की इस बार से सरपंच को तीन बड़े अधिकार मिल गये हैं । अब सरपंच ग्राम पंचायत की बैठक बुलाकर उसकी अध्यक्षता भी करेंगे । साथ ही अब ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी इनके पास रहेगी ।
वहीं अब सरपंच के पास पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने , सिंचाई की व्यवस्था करने से लेकर सड़कों के रख-रखाव की भी जिम्मेवारी रहेगी ।