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Bihar Panchayat Election 2021: कुछ ही घंटे में जारी होगी पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार में आज यानी मंगलवार को पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना कुछ ही घंटे में जारी हो जाएगी । नोटिफिकेशन जारी होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी । इसके साथ ही बुधवार से नामांकन करने के लिये सात दिनों का समय प्रत्याशियों को दिया जाएगा । वहीं पहले चरण का चुनाव जिन जिलों में बाढ़ नहीं है वहाँ कराये जाएंगे । ये बातें पंचायत मंत्री सम्राट चौधरी ने कही है।

आयोग ने नामांकन पत्र दाखिल करने, नामांकन पत्रों की जांच करने और नाम वापसी करने के लिए प्रत्याशियों का समय निर्धारित कर दिया है। मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला पर्षद सदस्य पद के प्रत्याशियों को सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक बिहार पंचायत चुनाव 2021 में नामांकन करने की सुविधा दी जायेगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलों को नामांकन पत्र को लेकर जारी दिशानिर्देश में स्पष्ट किया है कि सूचना प्रकाशन के अगले दिन से सातवें दिन तक नामांकन पत्र दाखिल किया जायेगा।

यदि अंतिम दिन सार्वजनिक अवकाश हो, तो उसके अगले दिन तक नामांकन पत्र दाखिल किया जायेगा। राज्य में करीब ढाई लाख पदों के लिए आठ से 10 लाख प्रत्याशियों द्वारा त्रि स्तरीय पंचायत व ग्राम कचहरी के पदों के लिए बिहार पंचायत चुनाव 2021 नामांकन पत्र दाखिल किया जायेगा। आयोग ने निर्देश दिया है कि नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि के बाद और तीन दिनों के अंदर प्रत्याशियों के दाखिल किये गये पर्चे की जांच कर ली जाये।

वहीं नामांकन पत्रों की जांच के लिये एक या उससे अधिक का समय दिया जा सकता है। अगर नामांकन पत्र के जांच के दिन छुट्टी का समय हो तो यह निर्देश आयोग ने दिया है की इसे अगले दिन किया जाय्। आयोग ने नाम वापसी की तिथि भी निर्धारित करते हुए जिलों को निर्देश दिया है कि नामांकन पत्र की जांच की अंतिम तारीख के बाद दो दिनों का समय नाम वापसी के लिए दिया जायेगा। जिलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि सूचनाओं के प्रकाशन के साथ ही सूचनाओं की एक प्रति संबंधित जिला पर्षद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के कार्यालय में प्रकाशित की जायेगी।

पंचायत चुनाव

आपको बता दें कि देश भर में फैले कोरोना संक्रमण के कारण इस बार पंचायत चुनाव देरी से कराये जा रहे हैं । इसका कार्यकाल 15 जून को ही समाप्त हो गया है। कार्यकाल खत्म होंने के बाद नीतीश सरकार ने परामर्शी समिति का गठन किया है ताकि विकास का कार्य प्रभावित न हो ।

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