BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
कौन होगा जेडीयू का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह या उपेन्द्र कुशवाहा या फिर कोई और,पढ़ें ये विशेष रिपोर्ट
सूत्र बताते हैं कि आरसीपी सिंह को भी इस बात का इशारा मिल चुका है कि उन्हें JDU के इस सिद्धांत का पालन करना होगा, जिसमें एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू है.
जे.पी.चन्द्रा की विशेष रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के बाद जेडीयू पार्टी के अंदर घमासान मचा है. यह घमासान जब से आरसीपी सिंह को मोदी कैबिनेट में जगह दी गई है तब से तेज हो गया है. फिलहाल जो जेडीयू के अंदर घमासान मचा है उसका कारण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर है. अब इसे लेकर सभी की नजरें 31 जुलाई को दिल्ली में होनेवाली JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर टिकी है. उस दिन यह साफ हो जाएगा कि जेडीयू का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा ? हालांकि आरसीपी सिंह ने यह साफ़ –साफ़ कह दिया है कि जब भी पार्टी कहेगी वे राष्ट्रीय अध्यक्ष का पड़ छोड़ देंगे.
सूत्र बताते हैं कि आरसीपी सिंह को भी इस बात का इशारा मिल चुका है कि उन्हें JDU के इस सिद्धांत का पालन करना होगा, जिसमें एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू है. इसी सिद्धांत को देखते हुए JDU को अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलना तय दिख रहा है. पूरी तस्वीर 31 जुलाई को दिल्ली के जंतर–मंतर स्थित JDU दफ़्तर में साफ हो सकती है.
आपको बता दें कि यह खींचतान की शुरूआत तभी से हो गई थी जब उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी आरएलएसपी का विलय किया था और उन्हें से JDU के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया था .कहा जाता है कि उपेंद्र को इतना वेट मिलने से आरसीपी सिंह बेहद नाराज़ थे, क्योंकि JDU के संविधान के मुताबिक जो JDU का राष्ट्रीय अध्यक्ष होता है वही JDU संसदीय बोर्ड का भी अध्यक्ष होता है।
आपको बता दें कि 75 सदस्यों वाली JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य फैसला करेंगे कि JDU का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा. लेकिन सीएम नीतीश के लिए इसे सुलझाना इतना भी आसान नहीं होगा. क्योंकि एक तरफ केन्द्रीय मंत्री न बनने से नाराज ललन सिंह हैं जिनके कारण भूमिहार वोटर पार्टी से जुड़ा है तो वहीं दुसरी तरफ उपेन्द्र कुशवाहा हैं जिनके सहारे सीएम नीतीश लव- कुश समीकरण को साधना चाहते हैं. खैर इतना तो जरूर है कि यह पद उसे ही मिलेगा जो नीतीश कुमार का सबसे विश्वासी होगा. सीएम नीतीश कुमार JDU के पदाधिकारियो की बैठक में उपेन्द्र कुशवाहा की तारीफ़ भी कर चुके हैं.
वैसे आपको बता दें कि अगर उपेन्द्र कुशवाहा जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो JDU के प्रदेश अध्यक्ष पद से उमेश कुशवाहा की छुट्टी हो सकती है. क्योंकि दोनों पदों पर एक ही जाति को बैठाना उचित नहीं होगा. ऐसी स्थिती में बिहार प्रदेश का अध्यक्ष पद पर किसी स्वर्ण को बैठाकर सीएम नीतीश सवर्णों के बीच एक सन्देश दे सकते हैं. खैर यह तो 31 जुलाई की होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही तय होगा कि जेडीयू का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनता है.