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जनसंख्या नियन्त्रण कानून पर सियासत हुई तेज,डिप्टी सीएम रेणु देवी ने CM नीतीश की बात का किया विरोध
यहां यह बता दें कि इस मसले पर भाजपा और नीतीश के बीच साफ तौर पर अलग-अलग राय दिखती है. हालांकि, इस मसले पर जेडीयू के नेताओं के भी अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में जनसंख्या कानून नियंत्रण को लेकर सियासत तेज हो गई है. पहले जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने इस मामले में सीएम योगी का समर्थन कर दिया तो बीजेपी की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने भी सीएम नीतीश की बात का विरोध कर दिया. इसके बाद क्या था कांग्रेस भी सीएम नीतीश कुमार के समर्थन में खड़ी हो गई. यहीं अब बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने तो इस मसले पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ़ कहा है कि बिहार में भी जनसंख्या कानून लाने की सख्त जरूरत है. उन्होंने तो यहाँ तक कहा कि ग्राम पंचायत के चुनाव में भी इसे लागू किया जाएगा कि दो से अधिक बच्चे वाले पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
सम्राट चौधरी ने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि इस देश में 200 प्रतिशत जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए. इसमें कोई दो मत नहीं. बिहार में पहले ही नगर निकाय में यह कानून लागू है. अब समय गया है कि इसे पंचयतों में भी लागू किया जाना चाहिए. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ही कानून बनाया है जो नगर निकायों में लागू है, तो आगे की कार्रवाई में दिक्कत थोड़े ही है. सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश ने इस संदर्भ में कहा कि लड़कियों में शिक्षा बढ़ने से प्रजनन दर में कमी आई है न कि इसका विरोध किया है.
हालांकि पंचायती राज मंत्री की बातों से तो यही लगता है कि सीएम नीतीश भी इस दिशा में कार्य कर रहे हैं. यहां यह बता दें कि इस मसले पर भाजपा और नीतीश के बीच साफ तौर पर अलग-अलग राय दिखती है. हालांकि, इस मसले पर जेडीयू के नेताओं के भी अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. बता दें कि जदयू के उपेन्द्र कुशवाहा ने भी यूपी की योगी सरकार के लाए गए जनसंख्या नियंत्रण कानून को समर्थन दिया है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जनसंख्या नियन्त्रण विधेयक पेश कर दिया है. इस कानून के तहत दो से अधिक बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. साथ ही उन्हें सरकारी सुविधाएं भी नहीं मिलेगी. इसका बिहार में भी साफ़ असर दिख रहा है और कई राजनीतिक दल इस मामले में बटे दिख रहे हैं. उपेन्द्र कुशवाहा ने ही कहा है कि जनसंख्या नियन्त्रण कानून बनना चाहिए. क्योंकि संसाधन और विकास पर इसका असर पड़ता है. वहीं इस मसले पर कांग्रेस ने सीएम नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए कहा कि महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है न कि कानून बनाने की. वहीं राजद की तरफ से कोई बयान नहीं दिया जा रहा है.