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एक बार फिर से सजेगा सीएम नीतीश का जनता दरबार,मिलेगा सीधे शिकायत का मौक़ा
आम जनता की कठिनाइयों की सुनवाई के साथ ही समस्याओं के निदान की कार्रवाई तुरंत शुरू हो जाती थी. वर्ष 2006 से 2016 तक इसका आयोजन होता रहा है.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन : एक बार फिर से बिहार में सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार लगाने जा रहे हैं.यह जनता दरबार एक बड़े हॉल में लगाया जाएगा. इसका जायजा भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेने शनिवार को अचानक ही 4 केजी परिसर में पहुंच गये. जानकारी के मुताबिक़ जिस जगह जनता दरबार लगाया जाएगा उसका जायजा लेने के बाद उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिया. हालांकि इसकी तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है. लेकिन सूत्रों के अनुसार जुलाई महीने से ही इसकी शुरुआत करने की तैयारी है.
आपको बता दें कि पहले एक अणे मार्ग में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में लोगों से मिलकर उनकी शिकायतें और समस्याएं सुनते थे. इसी जनता दरबार में तमाम विभागों के मंत्री और विभागीय आलाधिकारी उपस्थित रहते थे और आम जनता की कठिनाइयों की सुनवाई के साथ ही समस्याओं के निदान की कार्रवाई तुरंत शुरू हो जाती थी. वर्ष 2006 से 2016 तक इसका आयोजन होता रहा है.
गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून लागू करने के बाद जनता दरबार कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था. बीते जनवरी में ही सीएम नीतीश कुमार ने जनता दरबार दोबारा शुरू किए जाने की जानकारी मीडिया के साथ साझा की थी. जानकारी के अनुसार, इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले की तरह प्रत्येक सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री उपस्थित होंगे. प्रत्येक सोमवार को अलग-अलग विभागों के मामले लिए जाएंगे और संबंधित विभागों के अधिकारी भी जनता दरबार में मौजूद रहेंगे.
मिली जानकारी के मुताबिक़ जनता दरबार में आनेवाले लोगों और अधिकारियों के बैठने के लिए शेड, पीने के लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था की जा रही है. क्योंकि जनता दरबार में दूर- दूर से लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं और काफी भीड़ लगती है. वहीं इसपर त्वरित सुनवाई की जाती है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाते हैं. इससे मिलनेवाले फीडबैक से सीएम अपने कार्यों की समीक्षा भी करते हैं.
आपको बता दें कि इस समय बिहार में सीएम नीतीश पर उनके ही पार्टी के कई नेता अफसरशाही का आरोप लगा रहे हैं. इससे विपक्ष को भी सीएम नीतीश को घेरने का मौक़ा मिल गया है. मंत्री मदन सहनी इस्तीफे की पेश भी कर चुके हैं.