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छः वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में मेजर को मात्र 15 दिन मे कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा,विक्टिम फंड से दस लाख देने का भी आदेश
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: एक छः वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में पॉक्सो कोर्ट ने मात्र 15 दिन में ही रेपिस्ट को फांसी की सजा सुना मिसाल कायम की है। घटना बिहार के अररिया जिले के भरगामा थाना क्षेत्र की है। जहाँ घर के दरवाजे के समीप खेल रही अनुसूचित जाति की एक छह वर्षीय बच्ची के साथ मेजर ने दुष्कर्म किया था। इस मामले में मेजर को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है।
व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे-6 सह पॉक्सो एक्ट के विशेष जज शशिकांत राय की अदालत ने यह सजा सुनाई है। इसके साथ ही एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में आजीवन सश्रम कारावास और 10 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया गया है। पॉक्सो एक्ट में बच्ची के परिवार को डीएलएसए सचिव को विक्टिम फंड से दस लाख रुपए देने का आदेश दिया है।
इस अतिसंवेदनशील मामले में अररिया के स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शशिकांत राय की अदालत में आज सजा की बिंदु पर सुनवाई पूरी की। धारा 376 भादवि के अन्तर्गत फांसी की सजा दी गई है। वहीं, धारा 3(2) (5) एस.सी/एस.टी अधिनियम के अन्तर्गत आजीवन सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।
अदालत ने आरोप पत्र दायर होने के बाद केवल तीन सुनवाई और 15 दिन में ही सजा सुनाकर मिसाल भी कायम की है। एक दिसंबर को हुई घटना के बाद 12 जनवरी को जांच अधिकारी रीता कुमारी ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। 20 जनवरी को मामले में कोर्ट ने संज्ञान लिया। 22 जनवरी को आरोप गठित किया गया। 25 जनवरी को दोषी करार दिया गया और 27 जनवरी को सजा सुना दी गई।
इस मामले में विस्तृत जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पीपी) डॉ श्याम लाल यादव ने बताया कि घटना पहली दिसंबर 2021 को 8 बजे शाम की है।घटना को लेकर पीडिता की मां ने महिला थाना अररिया में कांड संख्या- 137/2021 दर्ज करवाया था। आरोपी के विरुद्ध चार्जशीट 12 जनवरी 22 को लिखते हुए न्यायालय के सुपुर्द किया गया था।
जिसमें न्यायालय द्वारा 20 जनवरी को धारा 376 भादवि, धारा-4 पॉक्सो अधिनियम एवं धारा 3(2) (5) एस.सी/एस.टी अधिनियम के अन्तर्गत संज्ञान लिया गया। वही, 22 जनवरी को आरोप गठन के बिन्दु पर सुनवाई हुई। आरोपी मेजर अररिया के भरगामा थाना क्षेत्र के वीरनगर पश्चिम का रहने वाला है।
आपको बता दें कि इस मामले में अभियोजन पक्ष के सभी गवाहों ने इस घटना का पूर्ण समर्थन किया । इसके बाद गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर एडीजे-6 ने आरोपी को सजा सुनाई । बचाव पक्ष ने भी अपना दलील रखा । जिसे सुनने के बाद जज शशिकांत राय ने आरोपी को सजा सुनाई।