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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: दुनियां भले ही पुनर्जन्म की बातों को नहीं मानती है लेकिन यह सत्य है। क्योंकि आज भी कई ऐसे राज हैं जिसका किसी विज्ञान के पास कोई जवाब नहीं है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के झालावाड़ में देखने को मिला जहां एक 3 साल के बच्चे ने अपनी पुर्नजन्म की कहानी सुना कर सबको हैरान कर दिया।
जानकारी के मुताबिक मनोहरथाना के खजूरी गांव के एक परिवार में जन्मा मोहित हमेशा टैक्टर की आवाज से डरता था। जब मोहित 3 साल का हुआ और बोलने लगा तो उसने बताया कि उसका नाम तोरण हैं और उसका पुर्नजन्म हुआ है। मोहित ने अपना घर और मां-बाप के बारे में भी बताया। जिसपर मोहित के घर वालें उसको लेकर बताये गये पते पर पहुंचे और मामले की पड़ताल की।
मोहित के मां बाप को बताया गया कि 16 साल पहले मनोहरथाना क्षेत्र के ही कोलूखेड़ीकलां में रोड निर्माण के दौरान मजदूरी करने गए 25 साल के तोरण की ट्रैक्टर के नीचे दबने से मौत हो गई थी। जिसके बाद तोरण के मां बाप सबकुछ बेच कर मध्यप्रदेश चले गए थे। तोरण के पिता कल्याण सिंह धाकड़ को लगता है कि उनका बेटा वापस आ गया है। मोहित उनसे बड़े प्यार से मिलता है जैसे की पहले से जानता हो। वहीं मोहित अपना नाम भी तोरण बताता है। तोरण की बुआ का कहना है कि जब वो मोहित से मिलती हैं तो वो सीधे गोद में आकर बैठ जाता है। तोरण से बुआ नाथियाबाई धाकड़ का बहुत लगाव था।
मामले पर झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर कृष्ण मुरारी लोधा का कहना है, कि इंसान की मौत के बाद ब्रेन डेड हो जाता है और मेमोरी पूरी तरह खत्म हो जाती है। नया शरीर नए मस्तिष्क के साथ बनता है। मेमोरी कभी भी एक शरीर से दूसरे में ट्रांसफर नहीं हो सकती। मोहित ने अपने परिजनों या कुछ लोगों को इस बारे में बाते करते सुना होगा और दिमाग में इस तरह की स्टोरी क्रिएट कर ली। डॉक्टर कृष्ण मुरारी लोधा के मुताबिक विज्ञान के युग में पुनर्जन्म जैसी बातें बेमानी है।
लेकिन आपको बता दें कि देश में यह कोई पहली घटना पुनर्जन्म की नहीं है। बल्कि ऐसी कई घटनाओं पर फिल्में भी हमेशा बनते रहती है। हालांकि भारत के हिन्दू धर्म ग्रंथों में पुनर्जन्म की चर्चा है। और कहा जाता है कि आत्मा नहीं मृत होती है बल्कि एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश कर जाती है। लेकिन आज भी लोग इसे केवल एक अंधविश्वास मानते हैं ।